CJI Gavai Angry On Lawyer: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए वकील को नसीहत दी है कि सस्ती पब्लिसिटी से बचना चाहिए। असल में मामला महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ था जब सीजेआई गवई एक कार्यक्रम के लिए गए थे। उस समय प्रोटोकॉल ठीक तरह से फॉलो नहीं हुआ, बड़े अधिकारी भी नदारद दिखे, ऐसे में सीजेआई ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। उसके बाद माफी तक मांग ली गई, मामला ठंडा पड़ा, लेकिन अब एक वकील ने याचिका दायर कर दी।

वकील को क्यों पड़ी फटकार?

याचिका के जरिए मांग की गई कि उन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए जिन्होंने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। अब नौजवान वकील को लगा होगा कि सीजेआई से जुड़ा मामला है, वे खुद खफा थे, ऐसे में इस याचिका के जरिए उनकी छवि भी चमक जाएगी। लेकिन सीजेआई गवई ने उल्टा उस वकील को लताड़ लगा दी, इसे चीप पब्लिसिटी स्टंट बता दिया।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम ऐसी प्रैक्टिस का खंडन करते हैं। हम मानते हैं कि एक छोटे से मुद्दे को इतना बड़ा बनाने की जरूरत नहीं है। वकील अभी नौजवान है, सिर्फ सात का अनुभव है। ऐसे में ज्यादा जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है, याचिकाकर्ता को 7000 रुपये देने होंगे। इसी मुद्दे पर सीजेआई गवई ने भी बड़ी बात बोली, उन्होंने कहा कि आप बस चाहते हैं कि आपका नाम अखबारों में आ जाए। अगर आप सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं, पता होना चाहिए कि इस मुद्दे पर सीजेआई द्वारा प्रेस नोट जारी किया जा चुका है।

पूरा मामला क्या है?

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले CJI का पद संभालने के बाद गवई पहली बार अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की यात्रा पर थे। हालांकि इस दौरान गवई को रिसीव करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP) या शहर के पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) मौजूद नहीं थे। इस पर नाराज सीजेआई गवई ने कहा, “अगर राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी या मुंबई पुलिस कमिश्नर नहीं आना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर है कि वे इस बारे में सोचें कि यह सही है या नहीं।

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