राज्यसभा में आज एक बार फिर कांग्रेस के सदस्यों ने कैग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिससे शून्यकाल में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुयी।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कल गडकरी ने सदन में बयान दिया था लेकिन उनकी पार्टी उस बयान से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी प्रमोद तिवारी ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि चर्चा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्य शामिल हो सकते हैं।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उपसभापति पी जे कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की और कहा कि विपक्षी सदस्यों को सरकार से शिकायत हो सकती है लेकिन उन्हें अन्य सदस्यों के अधिकार को बाधित नहीं करना चाहिए।

सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि कुछ विधेयक पारित हों। इसलिए वह सदन नहीं चलने दे रही है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की आंतरिक मजबूरी यहां की मजबूरी नहीं होनी चाहिए।

जेटली ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी स्वयं यहां आए और उन्होंने पूरा बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि उस बयान का सार यह है कि जब संप्रग की सरकार थी, उसी समय विभिन्न कंपनियों को दिए गए रिण के लिए इरडा ने बीसियों कंपनियों के लिए ‘‘एकमुश्त निस्तारण’’ की योजना निकाली थी। कैग ने उस योजना के संबंध में टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि सदस्य कल मंत्री से स्पष्टीकरण मांग सकते थे।

कांग्रेस के सदस्य जेटली के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी जवाबी नारेबाजी की। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने गडकरी के बारे में कोई टिप्पणी की लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी।

उपसभापति पी जे कुरियन ने कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी द्वारा नियम 276 के तहत दिए गए नोटिस को नामंजूर कर दिया और कहा कि इस मामले में मंत्री पहले ही बयान दे चुके हैं।

इसी बीच कांग्रेस के सदस्य गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे को देखते हुए कुरियन ने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद साढ़े 11 बजे बैठक शुरू होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और कुरियन ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि गडकरी ने कल सदन में दिए एक बयान में कहा था कि कैग की रिपोर्ट में उनके खिलाफ न तो भ्रष्टाचार का कोई आरोप है और न ही उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी की गयी है। उन्होंने कहा था, ‘‘कैग की रिपोर्ट के तथ्यों को जानबूझकर तोड़ मरोड़ कर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ सदस्यों द्वारा देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।

गडकरी ने अपने बयान में यह भी कहा कि लोक लेखा समिति इस रिपोर्ट पर उपयुक्त समय पर विधिवत बहस करेगी। यदि समिति में इस मामले पर किसी भी प्रकार की अनियमितता सिद्ध होती है तो कानून अपना काम करेगा।

सदन में गत शुक्रवार और कल भी कांगे्रस ने कैग रिपोर्ट को लेकर गडकरी के इस्तीफे की मांग की जिसके चलते सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे सदन की बैठक शुरू होने पर गडकरी के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस सदस्य फिर हंगामा करने लगे। सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने को कहा।

लेकिन कांग्रेस सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाने लगे। इसके विरोध में सत्ता पक्ष के कई सदस्य प्रश्नकाल चलने देने की मांग करने लगे। हंगामा थमते न देख अंसारी ने कुछ ही देर में बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

बैठक दोबारा शुरू होने पर सदन में वही नजारा था। कांग्रेस सदस्य अपने हाथों पर्चे लेकर गडकरी के इस्तीफे की मांग करने लगे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस के कई सदस्य घोटालों का आरोप लगाते हैं और चर्चा की मांग करते हैं लेकिन चर्चा के लिए तैयार नहीं होते। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

सत्ता पक्ष के सदस्यों ने प्रश्नकाल चलने देने की मांग की। हंगामे के कारण सभापति ने बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बजे बैठक फिर से शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री वाई एस चौधरी ने एक प्रश्न का संशोधित उत्तर सदन के पटल पर रखने के लिए एक बयान दिया। इस बीच कांग्रेस के सदस्यों ने गडकरी के इस्तीफे की मांग पर फिर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा थमते न देख सभापति ने बैठक को एक घंटे के लिए दोपहर करीब दो बजे तक स्थगित कर दिया।

लोकसभा में भी उठा गडकरी का मामला :

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग का मुद्दा आज लोकसभा में भी उठा और इस मुद्दे पर कांग्रेस तथा वाम दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।

लोकसभा में कांग्रेसी सदस्यों ने कैग रिपोर्ट में नितिन गडकरी के परिवार से जुड़ी कंपनी को दिए गए रिण में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और कहा कि कैग की रिपोर्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पायी गयी हैं जिससे सरकारी खजाने को 12.7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

भाजपा सदस्यों के कड़े विरोध के बीच दीपेन्द्र ने कैग रिपोर्ट के तथ्यों की जांच की मांग की और कहा कि जांच रिपोर्ट आने तक गडकरी को अपना पद छोड़ देना चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने दावा किया कि ‘‘कुछ गलत नहीं’’ हुआ है और यह एक सामान्य कैग रिपोर्ट है जो अध्ययन के लिए लोक लेखा समिति को जाती है।

नायडू ने कहा कि कैग रिपोर्ट में उन मामलों को देखा गया है जो पिछली सरकार के समय में हुए थे और इसमें किसी की निजी संलिप्तता नहीं है।

सरकार के जवाब से असंतोष जताते हुए कांग्रेस तथा वाम सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर भी यह मामला उठाया था।