अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनावों के राजनैतिक महत्व को देखते हुए, केन्द्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल के दिल्ली में 1984 में हुए सिख-विरोधी दंगों से जुड़े करीब 75 मामले फिर से खोले जाने की खबर है। सूत्रों के अनुसार, यह सभी मामले पहले बंद कर दिए गए थे।
होम मिनिस्ट्री ने फरवरी, 2015 में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस जीपी माथुर (रिटा.) की अध्यक्षता वाली समिति की सलाह पर एक एसआईठी का गठन किया था। इस एसआईटी को उन मामलों को फिर से खोलना था जिन्हें या तो दिल्ली पुलिस ने इनवेस्टिगेट नहीं किया, या सबूतों के अभाव में बंद कर दिया।
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इसका मतलब यह कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार से जुड़े वे मामले, जिनमें कभी चार्जशीट नहीं दाखिल की गई, फिर से खोले जाएंगे और नई चार्जशीट फाइल की जाएगी।
दिल्ली के सिख-विरोधी दंगों के कुल 237 मामले पीड़ितों के ना मिलने या सबूतों के अभाव में बंद कर दिए गए। सूत्रों के अनुसार, जब एसआईटी ने इस मामलों की समीक्षा की, तो करीब 75 मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया।
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एसआईटी जल्द ही नए विज्ञापन जारी कर पीड़ितों और गवाहों से आगे आने की अपील कर सकती है और जांच में सहयोग की गुजारिश कर सकती है। मामलों पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए लोक अदालतें भी लगाई जा सकती हैं।