केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) दिसंबर में आयोजित होगी। बोर्ड के मुताबिक परीक्षा का आयोजन सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) मोड में और 20 भारतीय भाषाओं में किया जाएगा। सीबीएसई की ओर से जारी नोटिस के अनुसार परीक्षार्थियों को सीटीईटी के एक पेपर के लिए 1,000 रुपए के शुल्क भुगतान करना होगा, जबकि दोनों पेपर के लिए उम्मीदवारों को कुल 1,200 रुपए का शुल्क भुगतान करना होगा।

यह परीक्षा शुल्क सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए है, जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक पेपर का शुल्क 500 रुपए और दोनों पेपरों की शुल्क 600 रुपए तय किया गया है। शुल्क का भुगतान सीटीईटी दिसंबर 2022 आवेदन के दौरान आनलाइन माध्यमों से करना होगा।

विदेशी विद्यार्थियों को प्रमाणीकरण के लिए अब पासपोर्ट की जरूरत नहीं

भारतीय विश्वविद्यालयों में विदेशी विद्यार्थियों को आनलाइन स्नातक पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए प्रमाणीकरण को अब पासपोर्ट जरूरी नहीं होगा। आनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से आने वाले विदेशी विद्यार्थियों के प्रमाणीकरण के लिए अब संबंधित देश की सरकार की ओर से जारी राष्ट्रीय फोटो पहचान पत्र भी मान्य होगा। अभी तक आनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए प्रमाणीकरण के तहत एकमात्र पासपोर्ट ही जरूरी था।

भारत और ब्रिटेन एक-दूसरे की उच्च शैक्षणिक डिग्री को मान्यता देंगे

भारत और ब्रिटेन ने एक-दूसरे की उच्च शैक्षणिक डिग्री को मान्यता देने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे दोनों देशों के हजारों युवाओं को फायदा मिलने की उम्मीद है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की उनकी दस वर्षीय रूपरेखा का एक हिस्सा है। ब्रिटेन सरकार के मुताबिक यह समझौता प्रधानमंत्री बोरिस जानसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत वर्ष की गई ब्रिटेन-भारत वृहद व्यापार साझेदारी (ईटीपी) का हिस्सा है।

इस समझौता ज्ञापन का मतलब है कि ‘ए-स्तर’ और उनके समान, स्नातक और स्नातकोत्तर सभी डिग्री को अब भारत में भी मान्यता दी जाएगी। दोनों पक्षों ने ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में काम करने और प्रशिक्षण लेने की इच्छुक भारतीय नर्स और नर्सिंग सहायकों को अवसर प्रदान करने के लिए एक कार्य बल गठित करने की ईटीपी की प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन के समझौते ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग ने कहा कि उच्च शिक्षा पर समझौते ज्ञापन से ब्रिटिश विश्वविद्यालयों से स्नातक करने वाले भारतीय विद्यार्थी अपने देश लौटने के बाद स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आवेदन कर सकेंगे या उन सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिसमें स्नातक की डिग्री मांगी जाती है।

यूजीसी ने महाराष्ट्र के एक विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के प्रति किया आगाह

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विद्यार्थियों को महाराष्ट्र स्थित ‘डिजिटल यूनिवर्सिटी आफ स्किल रिसर्जेंस’ में दाखिला लेने के प्रति आगाह किया। यूजीसी ने संस्थान को गैर मान्यता प्राप्त स्वयंभू विश्वविद्यालय करार दिया, जो डिग्री देने के लिए अधिकृत नहीं है। यूजीसी के संज्ञान में आया है कि ‘डिजिटल यूनिवर्सिटी आफ स्किल रिसर्जेंस’ (एक आनलाइन मेटा विश्वविद्यालय), रिंग रोड, वर्धा (महाराष्ट्र) विभिन्न पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहा है, जो यूजीसी अधिनियम 1956 का घोर उल्लंघन है।

यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 22 कहती है कि डिग्रियां प्रदान करने या स्वीकृत करने के अधिकार का प्रयोग केवल एक ऐसे विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा, जो किसी केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम या राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित है या फिर जिसे धारा 3 के तहत संसद के किसी अधिनियम के अंतर्गत डिग्रियां प्रदान करने के लिए विशिष्ट रूप से अधिकृत किया गया है। यूजीसी से मुताबिक ‘डिजिटल यूनिवर्सिटी आफ स्किल रिसर्जेंस’ विश्वविद्यालयों की सूची में न तो धारा (2)1 और न ही धारा 3 के अंतर्गत सूचीबद्ध है, न ही उसे यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 22 के तहत डिग्रियां प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।