देश भर में आरक्षण को लेकर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है। इसी बीच लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और मोदी सरकार के मंत्री रामविलास पासवान ने बड़ा बयान दिया है। पासवान ने सामान्य वर्ग के लिए भी आरक्षण की हिमायत की है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए बयान में रामविलास पासवान ने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 15 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि,’उनकी लोक जनशक्ति पार्टी इन सुझावों को लागू करवाने के लिए प्रयास करेगी। सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के सुझाव के पीछे के कारणों का जिक्र करते हुए रामविलास ने कहा कि,’ऊंची जातियों में भी गरीब लोग हैं। उन्हें ये नहीं लगना चाहिए कि उन्हें सिर्फ इसलिए दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की तरह सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इसीलिए उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ये सुझाव दे रही है कि सामान्य वर्ग के 15 प्रतिशत गरीब लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
रामविलास पासवान ने यह भी कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून (एससी/एसटी एक्ट) पर दिए अपने फैसले पर अगर पुनर्विचार नहीं करता है तो केंद्र सरकार इस पर अध्यादेश भी ला सकती है।’ उन्होंने कहा कि सरकार दलितों और आदिवासियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण के लिए भी अध्यादेश ला सकती है।
Even among upper castes there are poor ppl, they shouldn't feel discriminated as they aren't given facilities like that of Dalits, tribals & backward classes. So our party (Lok Janshakti Party) forwarded suggestion to give 15% reservation to poor people of upper castes: RV Paswan pic.twitter.com/DEWr8FslNQ
— ANI (@ANI) April 18, 2018
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि न्यायपालिका में भी कुछ ही परिवारों का कब्जा है, इसलिए हम भारतीय न्यायिक आयोग के गठन का भी समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने प्रोन्नति में आरक्षण के मामले को लटका दिया है। केन्द्र सरकार हर हाल में प्रमोशन में आरक्षण जारी रखने का प्रयास करेगी। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। पासवान ने कहा कि मोदी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को मजबूत किया है। जबकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव की बात कही थी।
बता दें कि इससे पहले भी रामविलास सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण की पैरवी कर चुके हैं। जिसकी वजह से उन्हें आरक्षण समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कहा था कि,’रामविलास पासवान सत्ता पाने के लिए दलितों के हितों से समझौता कर रहे हैं। दलित उनके इस बयान का जवाब वोट से देंगे। उनके बयानों से निश्चित रूप से बाबा साहब की आत्मा को दुख पहुंचा होगा।’