सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत का आंकड़ा कम करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही पथ चिंतन के नाम से एक नए कार्यक्रम की शुरुआत करेगी। यह पथ चिंतन केंद्र सरकार को नई-नई तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराएगा। सरकारी, गैर सरकारी संस्थान, विश्वविद्यालय व विशेषज्ञों के माध्यम से आने वाले सुझावों को केंद्र सरकार अपने पायलट प्रोजेक्ट में शामिल करेगी। इस पायलट परियोजना के आधार पर देश की अन्य योजनाओं में सुझावों को शामिल कर दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी। केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन मंत्रालय ने यह पहल की है।

मंत्रालय ने इस योजना को पथ चिंतन 2024 का नाम दिया है। केंद्र सरकार की योजना है कि इस पहल से मार्ग निर्माण के क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीक, कार्बन तत्त्व में कमी लाने वाली पहल, देश में बढ़ते जा रहे कचरे के पहाड़ और निर्माण मलबे का प्रयोग करने के लिए अधिक से अधिक सुझाव सामने आ सकेंगे। इसके लिए मंत्रालय के ईमेल आइडी पर परियोजना से संबंधित जानकारी भेजनी होगी। इस योजना में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार ने 31 जनवरी तक की समय सीमा निर्धारित की है। कोई भी नागरिक योजना और इसके असर के साक्ष्य के साथ अपने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज सकेगा।

केंद्र सरकार के मुताबिक प्रस्ताव को मंजूरी देने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं हो, इसके लिए एक पांच सदस्यों की समिति का भी गठन किया है। यह समिति सभी सुझावों का मूल्यांकन करेगी और बेहतरीन सुझावों की एक सूची तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी। इस टीम की अगुआई केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारी करेंगे और इनमें वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। पायलट परियोजना के विजेताओं की घोषणा मंत्रालय 15 फरवरी तक करेगा। केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए एक लाख रुपए तक का इनाम दिया जाएगा।

चुने जाने वाले विजेताओं को केंद्र सकार की राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ तीन साल तक काम करने का मौका भी मिलेगा और उनके काम के आधार पर भुगतान भी किया जाएगा। नई तकनीक की मदद से सड़क हादसों में कमी लाने के साथ पर्यावरण के बचाव की दिशा में भी काम किया जा सकेगा। दिसंबर में ही केंद्र सरकार द्वारा एक रपट जारी की गई थी।

इसमें बताया गया था कि देश में वर्ष 2022 में कुल 4.61 लाख सड़क हादसे हुए हैं और इन हादसों में 1.68 लाख लोगों की मौत हुई है। औसतन इस साल में हर दिन 1264 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 462 लोगों की मौत हुई है। 2011 की रपट में सामने आया था कि देश में लगभग 4.9 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनके कारण 142485 लोगों की मौत हुई थी। इन दुर्र्घटनाओं में पांच लाख से अधिक लोग काल के गाल में समा गए थे।