देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है, इसी बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। मंगलवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने निर्माण कार्य के बचाव में अपना पक्ष रखा। केंद्र ने इसके लिए अपना हलफनामा भी दायर किया था लेकिन समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण अब कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख निर्धारित की है।
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि 19 अप्रैल को कर्फ्यू लगाए जाने से पहले साइट पर 400 कर्मचारी थे। कर्मचारी उसी समय से साइट पर रहे हैं और पूरी तरह से नियमों का पालन कर रहे हैं। हलफनामे के अनुसार इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे 250 श्रमिकों के लिए रहने का भी इंतजाम किया गया है और साथ ही चिकित्सा सुविधा और स्वास्थ्य बीमा भी उपलब्ध करवाया गया है।
इस हलफनामे में यह भी कहा गया है कि 19 से 30 अप्रैल के बीच इस परियोजना में लगे श्रमिकों को सरायकाले खां से लाया जाता था और इसकी अनुमति भी दी गई थी लेकिन अब सभी श्रमिक कार्यस्थल पर ही रहा रहे हैं। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के लिए आइसोलेशन सेंटर भी बनाए गए हैं।
इतिहासकार सोहेल हाशमी और ट्रांसलेटर अन्या मल्होत्रा द्वारा इस परियोजना पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। अदालत ने चार मई को जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की थी और कहा था कि वह पहले उच्चतम न्यायालय के पांच जनवरी के फैसले को देखना चाहती है।
जिसके बाद याचिकाकर्ता उच्चतम न्यायालय चले गए थे। हालांकि उच्चतम न्यायलय ने याचिकाकर्ताओं से शीघ्र सुनवाई के लिए वापस से उच्च न्यायालय के पास जाने को कहा था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत में कहा था कि मजदूरों को सराय काले खां और करोल बाग क्षेत्र से राजपथ और सेंट्रल विस्टा में काम करने के लिए जाया जा रहा है। इससे उनके बीच कोरोना का संक्रमण फ़ैल सकता है।
हालांकि सरकार ने अपने हलफनामे में याचिकाकर्ताओं की बात को गलत करार देते हुए याचिका को ख़ारिज करने की मांग की है। सरकार ने कहा है कि यह कहना गलत है कि श्रमिकों को सराय काले खां से रोजाना कार्यस्थल पर लाया जा रहा है, इसलिए याचिकाकर्ताओं के मामले का पूरा आधार ही गलत है। सरकार ने मंगलवार को कहा कि याचिकाकर्ता कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और परियोजना को रोकने का एक और प्रयास है। इस तरह के प्रयास परियोजना की शुरुआत के बाद से चल रहे हैं।