देश में टूटे राजमार्ग और ऊंचे होते मलबे के पहाड़ों को कम करने के लिए केंद्र सरकार नई नीति लेकर आई है। इस नीति के तहत राजमार्ग को संवारने में ठोस कचरे का प्रयोग होगा। इसके लिए एक ड्राफ्ट नीति तैयार की गई है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय के अवर सचिव संजय कुमार ने इस बाबत सभी राज्यों के विभागों से सुझाव मांगे हैं ताकि जल्द इस नीति को इन सुझावों के साथ देश में लागू किया जा सके।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय देशभर में राजमार्ग का निर्माण कर रहा है
मंत्रालय के मुताबिक, देश में प्रतिदिन निकलने वाले मलबे की वजह से सभी राज्यों में मलबे के पहाड़ बढ़ते जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इस मलबे की वजह से करीब एक हजार हेक्टियर जगह बेवजह कब्जे में है। इसका मलबे को हटाकर जहां एक और पर्यावरण को राहत दी जा सकेगी, वहीं इस जमीन के अन्य प्रयोग के भी रास्ते खुलेंगे। खुले में पड़े इस मलबे को पर्यावरण व आम जनता के स्वास्थ्य के हिसाब से खतरनाक बताया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय देशभर में राजमार्ग का निर्माण कर रहा है।
ड्राफ्ट में कहा गया है कि इन राजमार्ग व राज्यों के अन्य मार्ग पर इस मलबे का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने पायलट परियोजना के तहत दो राज्यों में इस पर काम भी किया है।
इनमें से एक परियोजना दिल्ली एनसीआर से संबंधित मार्ग शहरी विस्तार मार्ग योजना और दूसरी योजना अहमदाबाद धौलेरा के बीच एक्सप्रेस मार्ग पर लागू की गई है। इस आंकलन के बाद अब केंद्र सरकार ने देश की अन्य परियोजनाओं में भी यह व्यवस्था लागू का मन बनाया है जो एक तय नीति के तहत होगा।
इसका मकसद मार्ग गुणवत्ता का बनाए रखना है। हाल ही में केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से स्वच्छता भारत मिशन के तहत भी दिशा में पहल की गई है और संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के निकायों से ठोस कचरे को लेकर एक अनुमानित रपट तैयार की गई। यह रपट बताती कि देश में 1700 लाख मीट्रिक टन मलबा इस प्रकार का पाया गया है, जाकि देश भर में करीब 2304 जगहों पर रखा गया है।