भारत में कोरोनावायरस के केस बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत पैदा हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार पर अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि पीएम मोदी के निर्देश पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पीएम केयर्स फंड की तरफ से सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 डेडिकेटेड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
पीएम मोदी ने निर्देश दिए हैं कि इन प्लांट्स को जितनी जल्दी हो सके चालू किया जाए। ये डेडिकेटेड प्लांट्स हर राज्य-केंद्र शासित प्रदेश में जिला मुख्यालय के चिह्नित सरकारी अस्पतालों में लगाए जाएंगे। इनके अधिग्रहण का काम केंद्र स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय करेगा।
पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने का मकसद यह है कि इससे खुद अस्पतालों के पास ऑक्सीजन आपूर्ति की खुद की व्यवस्था रहेगी और उन्हें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे पूरे जिले की ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पूरे ऑक्सीजन पैदावार पर टॉप-अप की तरह काम करेगी।
सरकार का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सरकारी अस्पतालों को अचानक से ऑक्सीजन सप्लाई की कमी का सामना न करना पड़े और उनके पास कोरोनावायरस मरीजों को संभालने के लिए लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई बनी रहे।
ऑक्सजीन लाने वाले शिप पर बंदरगाह में नहीं लगाया जाएगा शुल्क: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही देश में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए एक बैठक की थी। इसमें सभी बड़े मंत्रियों के साथ अफसर भी शामिल हुए थे। अब इसी कड़ी में जहाजरानी मंत्रालय ने ऑक्सीजन और ऑक्सीजन उपकरण लाने वाले जहाजों को बंदरगाह पर किसी भी तरह का शुल्क चुकाने से छूट दी है।
सरकार ने बयान जारी कर बताया था कि विदेश से लाई जाने वाली ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से जुड़े उपकरणों को कस्टम ड्यूटी और स्वास्थ्य सेस से छूट दी जाएगी। इसके अलावा वैक्सीन को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट देने का फैसला किया गया है। सरकार के मुताबिक, यह छूट तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और अगले तीन महीने तक जारी रहेगी।