ईडी के निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल अक्टूबर 2023 तक बढ़ाने की मांग कर रहे केंद्र को आज सुप्रीम कोर्ट में शर्मसार होना पड़ गया। दरअसल, सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता टॉप कोर्ट की ट्रिपल बेंच से दरख्वास्त कर रहे थे कि संजय मिश्रा को एक्सटेंशन देना बहुत जरूरी है। उनकी दलील थी कि FATF (फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स) की मीटिंग को देखते हुए ये बहुत ज्यादा जरूरी है।

मेहता का कहना था कि संजय मिश्रा ही इस हाईप्रोफाइल मीटिंग को फेस करने की स्थिति में हैं। उनकी बात सुनकर जस्टिस बीआर गवई बोले- संजय मिश्रा के अलावा सारा महकमा नाकारा है क्या? उन्होंने मेहता से सवाल किया कि क्या इससे लोगों को ये नहीं लग रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय में मिश्रा के अलावा कोई काम करने वाला नहीं है। जस्टिस की बात सुनकर तुषार मेहता चुप्पी साध गए। उनके पास अदालत के सवाल का जवाब नहीं था।

15 सितंबर 2023 तक ही निदेशक के पद पर रहेंगे संजय मिश्रा

हालांकि केंद्र ने संजय मिश्रा के लिए अक्टूबर 2023 तक एक्सटेंशन मांगा था। अलबत्ता अदालत ने 15 सितंबर 2023 तक ही सेवा विस्तार देने की बात कही है। इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाकर कहा था कि संजय मिश्रा को दो एक्सटेंशन दिए जा चुके हैं। वो केवल 31 जुलाई तक काम कर सकते हैं। उस समय केंद्र की तरफ से पेश एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कोई दलील नहीं रखी लेकिन 31 जुलाई के नजदीक आते केंद्र संजय मिश्रा के लिए फिर से एक्सटेंशन मांगने लग गया।

केंद्र ने संजय मिश्रा को बीते साल नवंबर में एक्सटेंशन दिया था। उनके रिटायर होने से एक दिन पहले ये आदेश जारी किया गया था। उनको ये एक्सटेंशन तीसरी बार दिया गया था। इससे पहले 2021 में एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि एक्सटेंशन देने के मामले में केंद्र सावधानी बरते। संजय मिश्रा को 2018 में ईडी में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति दो साल के लिए थी। उसके बाद से उनको तीन बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है। हर बार केंद्र की दलील अलग ही होती है।