करीब 15 दिन पहले ही भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार संभालने वाले राजीव कुमार एक्शन में नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को CEC राजीव कुमार पैदल ही 18 किमी की ट्रैकिंग कर चमोली के दूरवर्ती इलाके में पहुंचे। यहां डुमक और किमाणा गांव में लोगों ने मुख्य चुनाव आयुक्त का फूल मालाओं से स्वागत किया। CEC के इस दौरे का मकसद उत्तराखंड के सबसे दूरस्थ पोलिंग बूथ डुमक का जायजा लेना था।

राजीव कुमार ने ग्रामीणों को बताया कि उनका यहां आने का मकसद दूरस्थ क्षेत्रों में जाने वाली पोलिंग पार्टियों का हौसला बढ़ाना और ग्रामीणों में मतदान के प्रति उत्साह बढ़ाना है। उन्होंने डुमक के मतदाताओं की तारीफ करते हुए कहा दूरस्थ पोलिंग बूथ होने के बावजूद भी यहां 80 प्रतिशत मतदान होता है। ये उन लोगों के लिए संदेश है जो शहर में रहकर भी वोट नहीं करते। इस दौरान राजीव ने बूथ की समस्याओं और चुनौतियों को भी परखा। मूलभूत सुविधाओं से भी मरहूम इस क्षेत्र के लोगों में मुख्य चुनाव आयुक्त के दौरे से उम्मीद जगी है। इस दौरे में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।


महत्वपूर्ण चुनाव कराने वाले हैं कुमार

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हुआ था। 15 मई 2022 को कार्यभार संभालने वाले राजीव कुमार का कार्यकाल फरवरी 2025 को खत्म होगा। देश के 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में राजीव कुमार पर कई राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ आगामी राष्ट्रपति चुनाव और 2024 का लोकसभा भी संपन्न कराने की भी जिम्मेदारी है।

ट्रेकिंग के शौकीन हैं CEC

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि राजीव कुमार एक उत्सुक ट्रैकर हैं। इन्होंने लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, तिब्बत में ट्रैकिंग कर चुके हैं। सह्याद्री, पश्चिमी घाट और पालघाट का भी अनुभव है। ट्रैकिंग के अलावा कुमार को भारतीय शास्त्रीय और भक्ति संगीत सुनना पसंद है। ये नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास भी करते हैं।

विशेष कार्यशैली के लिए चर्चित

25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पद संभालते ही राजीव कुमार ने घोषणा की थी कि वो स्वेच्छा से अपने भत्तों और सुविधाओं में कटौती करेंगे। साथ ही एक साल में मिलने वाली तीन लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) की जगह सिर्फ एक LTC लेने का निर्णय किया है। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त को मासिक भत्ते के रूप में 34 हजार रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान है। यह भत्ता कर मुक्त होता है यानी इस भत्ते पर टैक्स का भुगतान नहीं करना होता।

बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के प्रशासनिक सेवा अधिकारी राजीव कुमार चुनाव आयोग में कार्यभार संभालने से पहले वित्तीय क्षेत्र में कई सुधार कर चुके हैं। सितंबर 2017 से फरवरी 2020 तक वित्तीय सेवा विभाग में वित्त सचिव-सह-सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें बैंकिंग, बीमा और पेंशन के सुधार का दायित्व दिया गया था। राजीव कुमार ने तब काले धन पर रोक लगाने के लिए 3.38 लाख शेल कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे। इन कंपनियों का इस्तेमाल संपत्ति बनाने के लिए किया जा रहा था।