कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार में विवाद की स्थिति बरकरार है। पिछले एक महीने से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं में प्रदर्शन के लिए बैठे किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए पहले कृषि कानूनों को रद्द करने की शर्त रखी है। हालांकि, केंद्र का कहना है कि वह सिर्फ कानूनों में बदलाव करेगा, इन्हें वापस नहीं लेगा। इस टकराव के बीच करीब दो हफ्तों में पहली बार शनिवार को किसानों ने सरकार के साथ बातचीत के लिए हामी भर दी। हालांकि, किसानों का प्रदर्शन इस एक महीने में किस तरह से संगठित हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब प्रदर्शनस्थल पर सीसीटीवी कैमरे तक लग गई हैं।
बता दें कि 26 नवंबर को जब किसान दिल्ली-हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे, तब ट्रक के पीछे लगे कार्डबोर्ड बेस को ही छोटा मंच बनाया गया था। हालांकि, एक महीने बाद मुख्य प्रदर्शनस्थल पर अब दो मंजिला पंडाल लगा है, जिसका प्लेटफॉर्म ही 30 फीट चौड़ा है और इसमें सैकड़ों लोगों के सुरक्षित बैठने की व्यवस्था भी है। जैसे-जैसे प्रदर्शनस्थल पर लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे ही इसे लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म होने लगा है। ऐसे में किसान संगठनों ने भीड़ पर नजर रखने के लिए प्रदर्शनस्थल के आसपास आठ सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है।
एक दिन पहले ही किसानों के दिल्ली कूच के एक माह पूरे होने पर कुछ और किसान भी प्रदर्शन में शामिल होने पहुंच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पहले 15 हजार किसान खनौरी सीमा से दिल्ली में प्रवेश करेंगे। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज यानी 27 दिसंबर को डबवाली बॉर्डर से दिल्ली में 15 हजार किसान दिल्ली में एंट्री लेंगे। इस बीच किसान संगठनों से साफ कर दिया है कि अगर सरकार के साथ चर्चा में बात नहीं बनती है, तो वे आगे भी हाईवे जाम करना जारी रखेंगे।
अब किसानों की इस तैयारी के बाद माना जा रहा है कि वे दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ लंबी तैयारी में हैं। आंदोलन में किसानों की सुरक्षा कर रही ट्रैक्टर ट्रॉली जो पहले 3-4 किमी दूर तक फैली थीं, वे अब 10 किमी दूर तक स्थित हैं। इतना ही नहीं हर दिन आंदोलन की जगह पर आने-जाने वाले लोगों की संख्या भी रोजाना के हजार में है। इसी के चलते प्रदर्शनों को असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए अब यहां सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं।
फिलहाल कुछ कैमरे स्टेज के पास लगे स्टील के खंभों पर लगाए गए हैं। जबकि एक कैमरा लंगर स्थल के पास भी लगाया गया है। सिक्योरिटी टीम ने बाकी कैमरों की लोकेशन का खुलासा तो नहीं किया, हालांकि बड़ी भीड़ पर नजर रखने के लिए इन्हें कई अलग जगहों और दूरी पर लगाया गया है। मुख्य स्टेज के ठीक पीछे एक लकड़ी के दरवाजे के पास 32 इंच का टीवी भी लगाया गया है, जो इन आठ कैमरों की फीड रिसीव करता है। हर वक्त प्रदर्शनस्थल पर दो लोग मौजूद रहते हैं। बताया गया है कि सीसीटीवी टीम में ही 15 वॉलंटियर्स लगाए गए हैं, जो पूरा दिन वीडियो पर नजर रखते हैं।
