उचित व्यापार व्यवहार नियामक सीसीआइ ने सिनेमा थिएटर शृंखला पीवीआर के डीटी सिनेमा के साथ 500 करोड़ रुपए के प्रस्तावित अधिग्रहण पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगी है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) को पहली नजर में यह लगता है कि इस सौदे से प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एक साल से कुछ अधिक समय में ऐसा तीसरी बार हो रहा है जब प्रतिस्पर्धा क्षेत्र के नियामक ने किसी बड़े सौदे को सार्वजनिक जांच परख के लिए पेश किया है। प्रतिस्पर्धा नियामक ने पिछले साल दो बड़े सौदों पर सार्वजनिक प्रतिक्रया मांगी थी। इनमें चार अरब डालर का सन फार्मा-रेनबैक्सी सौदा और होल्सिम – लाफार्ज सौदा शामिल था।

दोनों ही मामलों में नियामक ने प्रतिस्पर्धा रोधी चिंताओं को दूर करने के लिए संबंधित कंपनियों से उनकी कुछ परिसंपत्तियों को बेचने की हिदायत दी। ताजा सौदे में प्रतिस्पर्धा आयोग का पहली नजर में यह मानना है कि दोनों कंपनियों के एक साथ होने से प्रतिस्पर्धा पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

सीसीआइ की यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘इस लिहाज से पीवीआर को यह निर्देश दिया जाता है कि वह अधिग्रहण से बनने वाले गठजोड़ के बारे में पूरी जानकारी और सूचना को प्रभावित लोगों अथवा इस गठजोड़ प्रभावित होने वाले लोगों की जानकारी में लाए।’

पीवीआर ने डीटी सिनेमा के साथ अधिग्रहण के बारे में नियामक के पास जुलाई में आवेदन किया था। डीटी सिनेमाज, डीएलएफ यूटिलिटीज लिमिटेड का फिल्म प्रदर्शनी व्यावसाय है। कंपनी की दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और चंडीगढ़ में इसकी 39 स्क्रीनें है जिनमें 29 मौजूदा है और दस तैयार हो रहीं हैं। करीब 500 करोड़ रुपए के इस सौदे पर आम जनता से उसकी प्रतिक्रिया पांच जनवरी 2016 तक देने को कहा गया है।