केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आठ और चंडीगढ़ के एक स्कूल सहित देश के 15 स्कूलों में गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। इन स्कूलों में आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के भी स्कूल शामिल थे।
सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में फर्जी विद्यार्थी पाए गए। इसके अलावा उनके रिकार्ड के अनुसार, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में नामांकन नौवीं और दसवीं की तुलना में अनुपातहीन रूप से अधिक था। गुप्ता ने बताया कि स्कूलों की पहचान के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके की गई थी।
सचिव के मुताबिक, निरीक्षण के लिए बोर्ड के एक अधिकारी और बोर्ड से संबद्ध स्कूल के एक प्रधानाचार्य की 15 टीमें तैनात की गईं। सभी निरीक्षण एक ही समय में, एक ही समय में, एक ही समय में समन्वित तरीके से किए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि औचक निरीक्षण की प्रक्रिया बरकरार रहे और निरीक्षण की तिथियों पर निरीक्षण किए गए स्कूलों के कामकाज और संचालन के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।
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औचक निरीक्षण का प्राथमिक उद्देश्य यह जांचना, पता लगाना और सुनिश्चित करना था कि क्या स्कूल बोर्ड के उपनियमों के अनुसार बोर्ड के मानदंडों का पालन करते हुए काम कर रहे हैं और क्या वे स्कूल में शैक्षणिक और भौतिक बुनियादी ढांचे को बनाए रखते हुए गैर-अंत छात्रों का नामांकन नहीं कर रहे हैं।
इसके अलावा, निरीक्षण आयोग की रिपोर्टों पर विचार करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई शैक्षिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने नियमों के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ कड़े कदम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
(जनसत्ता के लिए सुशील राघव की रिपोर्ट)