CBI Investigation Rules in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में CBI को जांच के लिए अब सरकार से इजाजत लेनी होगी। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि सीबीआई को उसके सीमा क्षेत्र में किसी भी तरह की जांच करने से पहले प्रदेश की सरकार से इजाजत लेनी होगी। गृह विभाग ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।
गृह विभाग ने कहा कि अब सीबीआई को राज्य के अंदर किसी व्यक्ति, सरकारी अधिकारियों या किसी अन्य संस्था की जांच करने के लिए राज्य सरकार की लिखित मंजूरी जरूरी है। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2024 से लागू मानी जाएगी, जबकि मोहन सरकार ने मंगलवार 16 जुलाई को यह नोटिफिकेश जारी किया था। गृह विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह व्यवस्था पहले से ही लागू थी, लेकिन भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद नोटिफिकेशन जारी करना जरुरी था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी याचिका
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर 2018 को अपने क्षेत्राधिकार के अंदर जांच के लिए दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम की धारा 6 के तहत सीबीआई को मिली पूर्व सहमति वापस ले ली थी। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि केंद्रीय एंजेसी से राज्य द्वारा सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई कई मामलों की जांच कर रही है। वह भी बिना हमारी मंजूरी लिए। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के आर्टिकल 131 का हवाला देते हुए याचिका दाखिल की थी।
सीबीआई को कैसे दिए जाते हैं केस
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को केस देने की बात करें तो इसमें केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे। वहीं, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट भी सीबीआई को जांच के आदेश दे सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे। किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इसको भी सरकार ही तय करती है।
किस-किस राज्य ने पहले किया फैसला
इससे पहले भी कई राज्यों ने यह व्यवस्था अपने यहां पर लागू की हुई है। तमिलनाडु, झारखंड, केरल, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, महाराष्ट्र की सरकारों ने सीआईआई के लिए इस तरह की अधिसूचना जारी किए थे। हालांकि, महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सरकार बनने के बाद में इस आदेश को वापस ले लिया था और छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रहते हुए यह फैसला लिया गया था।
