पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। एक तरफ सीबीआई शिक्षकों से पूछताछ शुरू कर चुकी है तो तृणमूल सरकार की उस याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई की जांच से अभिषेक को राहत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि अदालत ने एजेंसियों से कहा था कि वो 31 जुलाई तक उनको अरेस्ट न करें।

एजेंसियों का आरोप है कि अभिषेक के इशारे पर शिक्षक भर्ती घोटाला अंजाम दिया गया। इस मामले में पहले सीबीआई ने जांच शुरू की थी। पैसों के लेनदेन को देखते हुए ईडी भी इस मामले में एक्टिव हो गई। फिलहाल दोनों एजेंसियां घोटाले की तह तक पहुंचने की जद्दोजहद में हैं।

सीबीआई ने शिक्षकों से कलकत्ता दफ्तर में शुरू की पूछताछ

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में सोमवार को प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों से पूछताछ शुरू की। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि जिन 344 शिक्षकों को सीबीआई ने तलब किया है, उनमें से हुगली के लगभग 30 शिक्षकों से जांच एजेंसी के निज़ाम पैलेस कार्यालय में पूछताछ की जा रही है।

एजेंसी का कहना है कि हमने शिक्षकों से पूछताछ शुरू कर दी है। हम उन्हें बैच में बुलाएंगे और उनसे पूछताछ करेंगे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के अधिकारी स्कूल शिक्षा विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकते हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को स्कूल में नौकरी के लिए भर्ती में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में कोलकाता और उसके आसपास के कई स्थानों पर छापे मारे।

एजेंसियों का कहना है कि इस मामले में कई लोगों की मिलीभगत रही है। एक रैकेट के जरिये सारे घोटाले को अंजाम दिया गया। योग्य उम्मीदवारों की जगह ऐसे लोगों को नौकरी दी गई जो किसी भी नजरिये से बच्चों को पढ़ाने के लायक नहीं थे। ध्यान रहे कि कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल जज की बेंच ने सारी नियुक्तियों को कैंसिल कर दिया था। हालांकि बाद में एक बड़ी बेंच ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी।