सीबीआई ने एमआई-172 इंजन की मरम्मत के लिए रूस के एक फर्म को दी जाने वाली 1.85 करोड़ रुपए की राशि 2016 में इंडोनेशिया के एक खाते में डालने के सिलसिले में हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवनहंस के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 20 मई, 2015 को पवनहंस ने तीन एम-172 हेलीकॉप्टरों के इंजन की देखभाल और मरम्मत के लिए रूसी फर्म क्लिमोव जेएससी के साथ समझौता किया था। उन्होंने बताया क यह ठेका नौ करोड़ रुपए का था।
ठेके के अनुसार पवनहंस को रूसी कंपनी को 30 फीसदी राशि यानी 1.85 करोड़ रुपए एडवांस में देने थे। क्लिमोव ने 19 जून, 2015 को एक इनवायस भेजा जिसके हिसाब से यह राशि न्यूयॉर्क के जेपी मॉर्गन चेस बैंक में जमा होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रूसी कंपनी ने पवनहंस को सूचित किया कि राशि उनके खाते में जमा नहीं हुई है। इसके बाद पूरा मामले प्रकाश में आया।
मामले में पूछताछ के दौरान पता चला कि कंपनी के अधिकारियों को पेमेंट करने के लेकर क्लिमोव जेएससी की तरफ से एक ईमेल मिला। यह मेल service@klimov.ru आईडी से आया थाा। रूस की कंपनी ने तब अपनी ऑफशोर कंपनी में पेमेंट करने के लिए कहा था। इसकी वजह प्रमुख कंपनी में चल रहे ऑडिटिंग के काम को बताया गया था। मगर पूरे मामले में फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब रूसी कंपनी ने पवनहंस को बताया कि उन्हें अभी तक एडवांस पैसा नहीं मिला है। सीबीआई फिलहाल इस मामले की जांच में जुटी है। (भाषा इनपुट सहित)

