फोर्स लीव पर भेजे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के डायरेक्टर आलोक वर्मा और संगठन में नंबर दो अफसर राकेश अस्थाना को सोमवार (29 अक्टूबर, 18) को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने समन भेजा। दोनों को इसके जरिए पूछताछ के लिए बुलाया गया। सीवीसी ने अस्थाना से सबूत मांगे है। आपको बता दें कि सीबीआई के इन दोनों ही शीर्ष अधिकारियों पर घूसखोरी के आरोप लगे हैं।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और सीवीसी के निर्देशानुसार, सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ जरूरी दस्तावेज और फाइलें सीवीसी को सौंपी गई हैं। वहीं, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सीबीआई काउंसेल ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए अधिक समय चाहिए।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश को जारी रखते हुए एक नवंबर तक के लिए यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही सीबीआई को एक और बार जवाब का मौका दिया है। सीबीआई ने जवाब देने के लिए यह कहकर समय मांगा है कि उसकी पूरी टीम बदल चुकी है और केस की फाइलें सीवीसी के पास हैं, जो कि आरोपों की जांच-पड़ताल कर रही है।

हाईकोर्ट में मनोज प्रसाद के वकील की ओर से कहा गया कि यह लड़ाई दो हाथियों के बीच की है, जिसमें एक चूहा पकड़ा जा चुका है। बता दें कि प्रसाद दुबई में इनवेस्टमेंट बैंकर है और उस पर घूस लेने के आरोप लगे हैं। सीबीआई ने अस्थाना मामले में उसे 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने अस्थाना और सीबीआई के एक अन्य अधिकारी की अर्जियों पर जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर जांच एजेंसी पर सवाल उठाए। दोनों अधिकारियों ने इस मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है।