एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत मंगलवार आधी रात को सीबीआई में चल रही कलह पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल सरकार ने घूसकांड के चलते सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना से कामकाज वापस ले लिया है और दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। फिलहाल सरकार ने नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया है। नागेश्वर राव अभी तक सीबीआई में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात रहे हैं। इसके साथ ही नागेश्वर राव के नेतृत्व में एक टीम ने सीबीआई मुख्यालय में छापेमारी की है। इस छापेमारी के बाद मुख्यालय का 10वां और 11वां फ्लोर सील कर दिया गया है। इसके साथ ही सीबीआई ने अपने 2 बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है और संयुक्त निदेशक मनीष सिन्हा और एके शर्मा को भी हटा दिया गया है।

बता दें कि सरकार ने यह कार्रवाई आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के चलते की है। राकेश अस्थाना के खिलाफ एक कारोबारी ने 5 करोड़ रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसी मामले में सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को सोमवार को सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया था। जिन्हें मंगलवार को 7 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया है। वहीं राकेश अस्थाना पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी, जिसके चलते उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। जहां से उन्हें राहत मिल गई है और कोर्ट ने फिलहाल अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सीबीआई को यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है।

दरअसल मोईन कुरैशी केस में हैदराबाद के एक कारोबारी सतीश बाबू साना का नाम आया था। जिसे हटाने के लिए साना से 5 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई। इसमें से साना ने 3 करोड़ रुपए की रकम दे भी दी है। अब हाल ही में साना ने एक एफआईआर दर्ज कराते हुए राकेश अस्थाना पर घूस लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी थी। इससे पहले राकेश अस्थाना सीबीआई निदेशक पर भी गंभीर आरोप लगा चुके हैं। जिसकी जांच सीवीसी द्वारा की जा रही है। बहरहाल इस पूरे विवाद से सीबीआई की साख को झटका लगा है और विपक्षी पार्टियों ने इसके लिए सरकार पर निशाना साधा है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।