अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला 2010 में आयात किए गए कोयले की सप्लाई के ठेके को लेकर दर्ज किया गया है। कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। सीबीआई की एफआईआर में अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड के साथ-साथ नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) के तीन शीर्ष अधिकारियों के नाम भी दर्ज है। अधिकारियों पर कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है।

शर्तों का उल्लंघन कर दिया था ठेकाः सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन को आयातित कोयले की आपूर्ति करने के ठेके में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। सीबीआई के मुताबिक अडानी इंटरप्राइजेस को न सिर्फ टेंडर की शर्तों का उल्लंघन करके ठेका दिया गया था, बल्कि NCCF के अधिकारियों ने दूसरी कंपनियों द्वारा लगाई गई कीमत की जानकारी भी अडानी ग्रुप तक पहुंचाई।

इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ मुकदमाः अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद बुधवार (15 जनवरी) को इस मामले में एफआईआर दर्ज की। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में दर्ज इस मामले में अडानी एंटरप्राइजेज, एनसीसीएफ के तत्कालीन चेयरमैन विरेंदर सिंह और तत्कालीन प्रबंध निदेशक जीपी गुप्ता और तत्कालीन वरिष्ठ सलाहकार एससी सिंघल को नामजद किया है।

Hindi News Live Hindi Samachar 17 January 2020: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

अपात्र करार दी गई थी अडानी इंटरप्राइजेसः अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड ने एफआईआर को लेकर फिलहाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सीबीआई ने कहा है कि एनसीसीएफ अधिकारियों ने जिस तरह का कम किया उसको देखकर लगता है उन्होंने सरकारी कर्मचारी के रूप में अपने दायित्व को सही तरीके से पूरा नहीं किया और उन्होंने कंपनी के साथ मिलकर साजिश रची है। एफआईआर में कहा गया है कि अधिकारियों ने बोलीदाताओं के चयन में हेराफेरी की और अपात्र करार की गई अडानी एंटरप्राइजेस को ठेका दिलाने में उसका अनुचित तरीके से पक्ष लिया।

बंदरगाह के रास्ते आना था कोयलाः आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन ने नरला टाटा राव थर्मल पावर प्लांट, विजयवाड़ा और रायलसीमा थर्मल पावर प्लांट, कडपा को 6 लाख टन आयातित कोयले की आपूर्ति के लिए 29 जून 2010 को सीमित निविदा जारी की थी। यह कोयला बंदरगाह के रास्ते आना था।