केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कहा है कि उसने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के एक सीनियर मैनेजर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने 232 करोड़ रुपये अपने निजी खाते में हड़प लिए। सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ एएआई से शिकायत मिलने के बाद पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “हमने आरोपी राहुल विजय को गिरफ्तार किया है। वह 2019 से 2023 तक एएआई के देहरादून एयरपोर्ट पर वित्त और लेखा शाखा का प्रभारी था। इस समय वह जयपुर एयरपोर्ट पर उसी पद पर तैनात है। पिछले हफ्ते जयपुर में उसके दफ्तर और घर पर तलाशी ली गई, जिसमें जमीन-जायदाद से जुड़े दस्तावेज और कीमती सिक्योरिटीज समेत कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई।”
जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि आरोपी ने इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की थी। उसने नकली और बनावटी एसेट बनाए और कुछ एसेट्स की कीमत बढ़ाकर दिखा दी। इसके लिए वह एंट्री में ‘शून्य (0)’ जोड़ देता था ताकि सामान्य जांच में पकड़ा न जा सके। प्रवक्ता ने कहा कि करीब 232 करोड़ रुपये की रकम आरोपी के निजी बैंक खाते में डाली गई थी। बैंक लेन-देन की शुरुआती जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी ने यह पैसा बाद में ट्रेडिंग खातों में ट्रांसफर कर दिया, ताकि सार्वजनिक धन को हड़प सके।
देहरादून में तैनाती के दौरान किया गलत काम
शिकायत में एएआई के वित्त विभाग के सीनियर मैनेजर चंद्रकांत पी ने आरोप लगाया कि देहरादून में तैनाती के दौरान आरोपी ने आधिकारिक और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर एएआई के धन की ठगी और गबन की संगठित साजिश रची। उन्होंने आरोप लगाया, “जांच के बाद पता चला कि आरोपी ने यह रकम ट्रांसफर की थी, क्योंकि वह एएआई के बैंक खाते को नियमित और आधिकारिक कामों के लिए चलाने का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था। उसने करीब 232 करोड़ रुपये की सार्वजनिक राशि अपने निजी खातों में हड़प ली।”
कब सामने आई घटना?
यह घटना उस समय सामने आई जब शिकायतकर्ता देहरादून एयरपोर्ट के पिछले वर्षों – 2019-20 से 2022-23 – के एसेट रिकॉर्ड की जांच कर रहे थे और उन्होंने एसेट्स में असामान्य पूंजीकरण (capitalisation) देखा। शिकायतकर्ता ने FIR में आरोप लगाया, “रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन की जांच के लिए एएआई के सक्षम प्राधिकरण ने तुरंत एक समिति गठित की। जांच के दौरान पता चला कि देहरादून एयरपोर्ट पर तैनाती के दौरान राहुल विजय ने कुछ फर्जी एंट्री पास कीं और फरवरी 2019 से अगस्त 2022 के बीच करीब 232 करोड़ रुपये (अब तक सामने आए आंकड़े के अनुसार) धोखाधड़ी से अपने निजी बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए।”
AAI पर और क्या आरोप हैं?
चंद्रकांत ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने एएआई के आधिकारिक बैंक खाते (एसबीआई बैंक) के लिए तीन अलग-अलग यूजर आईडी बना रखी थीं। उन्होंने आरोप लगाया, “उसने चोरी-छिपे एएआई खाते से अपने निजी खातों में रकम ट्रांसफर की। पहले छोटी-छोटी रकम भेजीं और फिर बड़ी रकम, ताकि पकड़ में न आए। उसने आधिकारिक रिकॉर्ड में करीब 189 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई हुई दिखा दी, जो असल में मौजूद ही नहीं थी। यह सब सिर्फ पैसे को अपने निजी खातों में ट्रांसफर कराने के लिए किया गया था।”
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शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने एएआई के एक ठेकेदार को पैसे ट्रांसफर किए और फिर रकम का आंकड़ा बढ़ाकर वही पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया, “29 सितंबर 2021 को उसने नए टर्मिनल बिल्डिंग फेज-1 के इलेक्ट्रिकल काम के लिए 67.81 करोड़ रुपये की वास्तविक संपत्तियां बनाई। 30 सितंबर को उसने 13 असली संपत्तियों (जिनकी कुल कीमत 13.58 करोड़ रुपये थी) में एक “शून्य” (Zero) जोड़कर और एंट्री डुप्लीकेट करके 17 नकली संपत्तियां दिखा दीं, जिनकी कीमत 189 करोड़ रुपये दर्ज की गई, और पूरी रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा ली। इसी अवधि में उसने अलग-अलग तारीखों पर फर्जी एंट्री डालकर 43 करोड़ रुपये विभिन्न खर्चों के मद में भी निकाल लिए।”