बिहार विधानसभा में मंगलवार को हाल ही में आई जाति जनगणना की रिपोर्ट पर बहस कराई जा रही है। सदन में रिपोर्ट के पेश किए जाने के बाद सभी दलों के सदस्य इस पर चर्चा करेंगे। रिपोर्ट पेश होने से पहले इसमें शामिल आर्थिक और शैक्षणिक डेटा सार्वजनिक हुए हैं। राज्य में केवल सात फीसदी लोग ऐसे हैं, जो स्नातक या ग्रेजुएट हैं। इसके अलावा 9.19 फीसदी लोग ही बारहवीं तक की शिक्षा लिए हैं। इस साल के शुरू में राज्य में जाति जनगणना कराई गई थी और इसके नतीजे पिछले महीने ही आए थे।
बिहार में लोगों की शैक्षणिक योग्यता ये है
बिहार में 22.67 फीसदी लोग कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा हासिल की है। 14.33 फीसदी आबादी ने कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा हासिल की। 14.71 फीसदी आबादी कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई की है। 9.19 फीसदी आबादी कक्षा 11 से 12वीं तक की पढ़ाई की है। सिर्फ 7 फीसदी लोग ऐसे हैं जो स्नातक या ग्रेजुएट हैं।
राज्य में लोगों की आर्थिक आय इतनी है
आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछड़े वर्ग के 33 फीसदी लोगों की महीने की आय 6 हजार तक है। 29 फीसदी की आय 6 से 10 हजार है। 18 फीसदी की मासिक आय 10 से 20 हजार है। 10 फीसदी की आय 20 से 50 हजार है और सिर्फ 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार या इससे अधिक है।
अनुसूचित जाति में 42 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनकी महीने की आय छह हजार तक है। 29 फीसदी की आय छह से 10 हजार तक है। 15 फीसदी की आय 10-20 हजार तक है। पांच फीसदी की आय 20 से 50 हजार तक है और एक फीसदी की आय 50 हजार रुपये से ज्यादा है।
सामान्य वर्ग की करीब 25 फीसदी लोगों के महीने की आय 6 हजार रुपये तक है। 23 फीसदी की आय 6 से 10 हजार रुपये है। 19 फीसदी की आय 10 हजार से 20 हजार रुपये है। 16 फीसदी की आय 20 हजार से 50 हजार के बीच है। सिर्फ 9 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनके महीने की आय 50 हजार रुपये से ज्यादा है।
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी की महीने की आय 20 हजार रुपये तक है। 32 फीसदी की आय 6 से 10 हजार रुपये है। 18 फीसदी की आय 10 से 20 हजार रुपये है। सिर्फ 2 फीसदी लोगों की महीने की आय 50 हजार रुपये से अधिक है।
इसी तरह अनुसूचित जनजाति वर्ग में 42 फीसदी लोगों की महीने की आय 10 हजार रुपये तक है। 25 फीसदी की आय 6 से 10 हजार रुपये है। 16 फीसदी लोगों की आय 10 से 20 हजार रुपये है। 8 फीसदी की आय 20 से 50 हजार रुपये है। केवल 2.53 फीसदी लोगों की मासिक आय 50 हजार रुपये या अधिक है।