बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार पलटी मारने वाले हैं। फिलहाल यह अटकलें हैं लेकिन बीते दो दिनों में काफी कुछ ऐसा घटा है जिससे इस कयास को मजबूत माना जा रहा है। आज बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बयान दिया है कि राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते और जरूरत पड़ने पर खुल जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा भी माना जा रहा है कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन कर एक बार फिर शपथ ले सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बिहार पॉलिटिक्स का नंबर गेम क्या होगा, इस आर्टिकल में आप समझ सकते हैं।
क्या है बिहार पॉलिटिक्स का नंबर गेम?
बिहार विधानसभा में 243 सीट हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है। अगर नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी साथ आती हैं तो दोनों पार्टियां आसानी से सरकार बना सकती हैं। फिलहाल मौजूदा सरकार में RJD, JDU, कांग्रेस और लेफ्ट शामिल है। आरजेडी के 78, जेडीयू के 45, कंग्रेस के 19, लेफ्ट के 16 और एक निर्दलीय विधायक हैं। दूसरी तरफ NDA में बीजेपी के 78 और जीतन राम माझी की हम पार्टी के 5 विधायक हैं। ऐसे में अब बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 40 विधायकों की जरूरत है। अगर यहां जेडीयू के 45 विधायक उनके साथ जुड़ जाते हैं तो बीजेपी-जेडीयू की सरकार बिहार में बन जाएगी।
क्या हैं मजबूत संकेत?
पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार के पाला बदलने की अटकलें जारी हैं। वह इंडिया गठबंधन को लेकर भी ख़ासी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में उनके द्वारा दिया गया परिवारवाद वाला बयान भी एक मजबूत संकेत है कि जेडीयू और आरजेडी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में संकेत दिए थे और कहा था कि अगर नीतीश कुमार के NDA में आने का प्रस्ताव आता है तो इसपर विचार किया जाएगा।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी गुरुवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ”अमित शाह के बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी और सुशील मोदी से मुलाकात करने की संभावना है।” इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान ने गुरुवार रात अपने आवास पर एलजेपी नेताओं की एक बैठक भी बुलाई है। यह सब घटनाक्रम बिहार में सत्ता परिवर्तन के मजबूत संकेत हैं।