चीन ने दो दिन पहले ही एक नया आधिकारिक नक्शा जारी किया और उसमें अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा दिखाया है। वहीं अब ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि चीन LAC के पास Early Warning Radar लगा रहा है। मानसरोवर लेक से 32 किलोमीटर दूर और बॉर्डर से करीब 100 किलोमीटर दूरी पर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी रडार लगा रही है।
चीन इस नए सिस्टम को इंस्टॉल कर रहा है और बॉर्डर के किनारे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को भी बढ़ावा दे रहा है। लगातार चीन LAC के पास ऐसे-ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे भारत और उसके बीच गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है।
अपग्रेडेड वर्जन का रडार लगा रहा चीन
चीन नए प्रकार का रडार लग रहा है और पुराने वर्जन का अपग्रेड मॉडल है। इसकी रेंज भी पहले वाले रडार से अधिक है। चीन ने जहां पर रडार लगाया है, वह पहाड़ी एरिया है और इसको ऐसे लगाया गया है कि यह आसपास की सारी गतिविधियों की निगरानी करें।
पीएलए के लिए तिब्बत में महत्वपूर्ण समय
यह पीएलए के लिए तिब्बत में महत्वपूर्ण समय है। तिब्बत में उसकी इकाइयां वापस जा रही हैं और उनकी जगह नई यूनिट्स आ रही हैं। 6 संयुक्त सशस्त्र डिवीजन को हटा दिया गया है और उनके स्थान पर 8 संयुक्त डिवीजन को शामिल किया गया है। इसलिए येचेंग और खुरनैक जैसे तार्किक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तम्बू, वाहन और शेड कम हैं।
चीन के नक्शे पर बोले एस जयशंकर
बता दें कि चीन के नए नक्शे पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह चीन की पुरानी आदत है और उनके दावे से कुछ नहीं होता। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने चीन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अक्साई चीन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और पहले भी चीन ऐसे दावे करता रहा है। जयशंकर ने कहा कि हमारी सरकार का रुख साफ है। बेकार के दावों से ऐसा नहीं हो जाएगा कि किसी और के इलाके आपके हो जाएंगे।
वहीं चीन के नए नक्शे पर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि चीन ने घुसपैठ की है। मतलब राहुल गांधी की बातें सही हो रही हैं।