पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट के पास कई ऐसी याचिकाएं पहुंची थीं जिनमें कहा गया था कि सत्तारूढ़ दल अपनी मनमानी कर रहा है और राज्य चुनाव आयोग उसके हाथों की कठपुतली बना हुआ है। हाईकोर्ट ने लगाम कसने के लिए कई आदेश जारी किया। यहां तक कि एक मामले में सीबीआई को भी जांच का जिम्मा दिया गया। लेकिन इन पर कितना अमल हुआ ये खुद चीफ जस्टिस की बातों से साफ हो गया।

चीफ जस्टिस टीएस शिवगंगानम और जस्टिस उदय कुमार की बेंच ने पंचायत चुनावों से जुड़े एक मामले की सुनवाई की तो उनकी बातों से साफ तौर पर झलका की तमाम आदेश बेमतलब के साबित हुए। चीफ जस्टिस का कहना था कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग केंद्र की तरफ से भेजी गई फोर्सेज सहयोग ही नहीं कर रहा था। यहां तक कि आयोग के पास अशांत निर्वाचन क्षेत्रों की लिस्ट भी नहीं थी।

SEC से बोले चीफ जस्टिस- हम निराश पर आपको हटा नहीं सकते

चीफ जस्टिस किस कदर हताश थे कि उन्होंने यहां तक कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त को हम नहीं हटा सकते, क्योंकि ये एक संवैधानिक पद है। लेकिन हमें ये कहते हुए निराशा हो रही है कि आपने हमारे आदेशों को भी तवज्जो नहीं दी। हम बार-बार कहते रहे और आप लगातार टालते रहे।

तृणमूल कांग्रेस ने हासिल की राज्य के पंचायत चुनाव में जबरदस्त जीत

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के पंचायत चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की। राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की तरफ से घोषित परिणामों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस ने जिला परिषद की कुल 928 सीट में से 880 अपने नाम की। भाजपा ने 31 सीट जीती हैं। कांग्रेस और वाम गठबंधन ने 15 सीट जीती और बाकी दो सीट अन्य उम्मीदवारों ने जीती।

तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायत सीट में से 35 हजार से अधिक पर जीत दर्ज कर ली है। गिनती पूरी होने के बावजूद सटीक आंकड़ों का अभी पता नहीं चल पाया है क्योंकि अभी आंकड़ों के मिलान की प्रकिया जारी है। एसईसी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने करीब 10 हजार सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस और वाम गठबंधन ने करीब छह हजार सीटें अपने नाम की।

तृणमूल का मकसद ग्रामीण चुनाव में बड़ी जीत हासिल करना था, जिससे 2024 के संसदीय चुनाव से पहले वह अपने ग्रामीण आधार को मजबूत करने के साथ ही शहरी मतदाताओं को इसके परिणामों से आश्वस्त कर सके। 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल को 12 सीट पर जीत मिली थी, वहीं भाजपा 18 लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही थी। इसके बाद तृणमूल ने 2021 के विधानसभा चुनाव में अच्छी वापसी की। 294 सदस्यीय विधानसभा में उसने 215 सीट पर जीत दर्ज की और बहुमत के साथ सत्ता में आई। भाजपा के खाते में 77 सीट आईं थीं।