नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर कलकत्ता हाईकोर्ट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश भर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगाए गए विज्ञापनों को हटाने को कहा है।
अदालत ने राज्य सरकार की तरफ से प्रदेशभर में सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) के खिलाफ विज्ञापन हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने अपने अंतरिम निर्देश में बंगाल सरकार से मामले की अगली सुनवाई होने तक इस तरह के सभी विज्ञापनों को हटाने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट किया कि यदि ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के कुछ शिक्षित सांसदों और विधायकों की सलाह ली होती तो उन्हें इस बात का पता होता कि संविधान के अनुसार केंद्रीय सूची में मौजूद कानून को बाधित करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है। दीदी के अलावा सभी को मालूम है कि नागरिकता केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है।
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