CAG Report Highlights: दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर CAG की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सर्जरी के लिए लंबा इंतजार, बंद ऑपरेशन थियेटर, मरीजों से परामर्श के लिए कम समय, ये उन कई मुद्दों में से हैं, जिनका उल्लेख दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक अस्पताल को लेकर किया गया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने राजधानी की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर शुक्रवार को विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) और जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जैसे दिल्ली सरकार के अन्य प्रमुख अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी के कारण कई मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बेकार पड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोक नायक में सर्जरी और बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभागों में प्रमुख सर्जरी के लिए औसत वेटिंग समय 2-3 महीने और 6-8 महीने था।
सर्जरी विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2016-17 से 2019-20 (लेखा परीक्षा अवधि) तक प्रति माह की गई प्रमुख सर्जरी की औसत संख्या 216 से 281 के बीच थी और औसत प्रतीक्षा समय दो से तीन महीने था। बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में इसी अवधि के दौरान प्रति माह की गई प्रमुख सर्जरी की औसत संख्या 86 से 95 के बीच थी, जबकि प्रति माह की गई छोटी सर्जरी की औसत संख्या 85 से 375 के बीच थी।
इसकी तुलना में एम्स में सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर ने कहा कि 2021 में सर्जिकल ब्लॉक की स्थापना के बाद से संस्थान में कैंसर सर्जरी में औसतन 15-20 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि, हर्निया और पित्त पथरी की सर्जरी में 3-6 महीने लगते हैं, क्योंकि मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा होती है।
एम्स के बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि संस्थान में ग्रेडेड वेटिंग की व्यवस्था है। आपातकालीन सर्जरी जल्द से जल्द की जाती है, जबकि चरणबद्ध तरीके से की जाने वाली सर्जरी में समय लगता है। हालांकि, यहां वैकल्पिक सर्जरी के लिए भी औसत समय 6-8 महीने है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोक नायक अस्पताल में सर्जरी विभाग का एक बड़ा ऑपरेशन थियेटर 2016-17 से लेकर आज तक (अगस्त 2022 तक) चालू नहीं है। अस्पताल ने इसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन न करने का कारण और सर्जरी के लिए प्रतीक्षा समय में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी नहीं दी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आरजीएसएसएच में 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटरों में से 6 और जनकपुरी अस्पताल में सभी सात मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर कर्मचारियों की कमी के कारण बेकार पड़े हैं।
सीएजी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सर्वेक्षण के दौरान नमूने के तौर पर इस्तेमाल किए गए अस्पतालों में पंजीकरण काउंटरों पर काम का बोझ बहुत ज़्यादा था। लोक नायक अस्पताल के मेडिसिन और गायनोकोलॉजी विभागों में प्रति मरीज़ औसत परामर्श समय पांच मिनट से भी कम था। अस्पताल में फार्मासिस्टों की कमी के कारण प्रति फार्मासिस्ट/काउंटर पर मरीजों का भार भी अधिक था। दवाइयां उसी दिन वितरित नहीं की गईं।
लोक नायक अस्पताल और आरजीएसएसएच के आईसीयू और आपातकालीन विभागों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की कमी देखी गई। लोक नायक अस्पताल के कई वार्डों में इनडोर रोगी विभागों (आईपीडी) में भीड़ देखी गई।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोक नायक के सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर(Sushruta Trauma Centre) में 24 घंटे आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और वरिष्ठ रेजीडेंटों की स्थायी व्यवस्था नहीं थी, और CATS एम्बुलेंस का एक बड़ा हिस्सा आवश्यक उपकरणों और डिवाइसों के बिना चल रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोक नायक में वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), जो बलात्कार पीड़ितों को एक ही छत के नीचे कई सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करता है। उसमें काम करने वाले कर्मचारी नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल मृत्यु मामलों और प्रसवपूर्व देखभाल की समीक्षा के रिकॉर्ड नहीं रखे गए थे।
मरीजों के लिए सुविधाओं का अभाव
लोक नायक अस्पताल में शौचालयों की कमी थी तथा परिचारकों (Attendants) के लिए प्रतीक्षा क्षेत्रों की भी कमी थी।
जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आहार संबंधी सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं। आहार विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण नहीं किया गया और भोजन की गुणवत्ता की कभी जांच नहीं की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नमूना जांच वाले अस्पतालों द्वारा रोगी संतुष्टि सर्वेक्षण, मृत्यु समीक्षा आदि के संचालन में कमी पाई गई, जिससे वे रोगी सेवाओं में और सुधार के लिए ऐसे आकलनों का लाभ पाने से वंचित रह गए।
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