Cafe Coffee Day (CCD) Owner VG Siddhartha Death News: देश के सबसे बड़े कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक वी.जी सिद्धार्थ के सोमवार को लापता होने के दो दिन बाद एक नदी से उनकी लाश मिली। बुधवार (31 जुलाई, 2019) को गृह जिले चिकमगलूर स्थित उनके एस्टेट में उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने सिद्धार्थ को अंतिम विदाई दी। 59 वर्षीय कारोबारी की मौत से कारोबार जगत स्तब्ध है। दरअसल, उनकी मौत को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। पुलिस इसे प्रथम दृष्टया आत्महत्या देख रही है, जबकि कर अधिकारियों की प्रताड़ना को उनकी कथित खुदकुशी का एक संभावित कारण बताया जा रहा है।
भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी एवं गमगीन माहौल में सिद्धार्थ के बेटे अमर्त्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। वोक्कालिगा समुदाय की परंपराओं के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह इसी समुदाय से थे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सहित कई नेता भी अंत्येष्टि स्थल पर मौजूद थे। वहां काफी मर्मस्पर्शी दृश्य देखने को मिला। सिद्धार्थ के ससुर एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एस एम कृष्णा और उनकी सास प्रेमा भी कई बार अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए।
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दिग्गज उद्योगपतियों ने सीसीडी के संस्थापक वी.जी सिद्धार्थ की उद्यमिता कौशल और विनम्र स्वभाव को याद करते हुए बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी। हालांकि, उन्होंने उद्यमियों को नाकामी से निराश नहीं होने को भी कहा है। बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ, महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा, फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल और आईटी दिग्गज सी पी गुरनानी ने सिद्धार्थ को "विनम्र और मृदुभाषी" शख्स के रूप में याद किया।
सीसीडी के मालिक की रहस्यमयी मौत पर केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा बोले कि सिद्धार्थ खुदकुशी नहीं कर सकते, जिससे कुछ सवाल खड़े होते हैं। आयकर विभाग उन्हें परेशान कर रहा था? इस सवाल पर मंत्री ने कहा, "मुझे इसकी जानकारी नहीं है।" इसी बीच, कॉफी डे एंटरप्राइजेज बोर्ड ने पूर्व आईएएस अधिकारी एसवी रंगनाथ को अंतरिम बोर्ड चेयरमैन बनाया है।
रंगनाथ, कंपनी के बोर्ड निदेशकों में से एक रहे हैं, जबकि नितिन बागमाने को कंपनी का अंतरिम COO (चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर) बनाया गया है। वीजी सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार चिकमंगलुरू में किया जाएगा।
सिद्धार्थ की दिलचस्पी पारिवारिक कॉफी कारोबार में कुछ समय बाद बढ़ी थी। 1993 में उन्होंने अमलगमेटेड बीन कंपनी (एबीसी) के नाम से अपनी कॉफी ट्रेडिंग कंपनी शुरू की थी। शुरुआत में कंपनी का सालाना कारोबार छह करोड़ रुपए का था। हालांकि, धीरे-धीरे यह बढ़कर 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। जर्मनी की कॉफी रेस्तरां श्रृंखला चलाने वाली टीचीबो के मालिकों के साथ बातचीत करके सिद्धार्थ इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने देश में कैफे की श्रृंखला खोलने का फैसला किया।
भारतीय कॉफी चेन सीसीडी के मालिकान वी.जी सिद्धार्थ ने कथित तौर पर कर्ज और कर से परेशान होकर खुदकुशी की है। वह सोमवार शाम से गायब थे। बुधवार को उनकी लाश उसी नदी से मिली, जहां आखिरी बार उन्हें देखा गया था। कॉफी डे एंटरप्राइजेज के संस्थापक सिद्धार्थ ने कॉफी दुकानें चलाने वाले वैश्विक ब्रांड स्टारबक्स के मुकाबले भारत में एक सफल ब्रांड ''कैफे कॉफी डे'' खड़ा किया। उनकी ख्याति एक सफल उद्यमी की रही है। हालांकि, कुछ सालों से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
कॉफी बागान के कारोबार में 140 साल से लगे परिवार में जन्मे सिद्धार्थ की शुरू में परिवार के कॉफी बागान के काम में जयादा रूचि नहीं थी। उन्होंने शेयर ट्रेडिंग का काम किया। मैंगलोर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्रातक की डिग्री लेने के बाद वह मुंबई में निवेश बैंकर के रूप में काम करना चाहते थे। साल 1984 में सिद्धार्थ ने बेंगलूरू में अपनी निवेश एवं वेंचर कैपिटल फर्म सिवन सिक्योरिटीज शुरू की। कंपनी के मुनाफे से उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में कॉफी के बागान खरीदे।
वीजी सिद्धार्थ की असामयिक मौत पर दुख जताते हुए इन्फोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई ने कहा है कि एन्टरप्रेन्योरशिप में खतरे होते हैं। ऐसे में एन्टरप्रेन्योर्स को अपने अंदर ऐसे स्किल पैदा करने चाहिए, जिनसे वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ और निजी जीवन को अलग रख सकें। इसके साथ ही एन्टरप्रेन्योर्स को एक ऐसा सपोर्ट सिस्टम भी बनाकर रखना चाहिए, जो उन्हें मुश्किल वक्त में मदद दे सके।
महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा ने वीजी सिद्धार्थ मामले पर ट्वीट कर एंटरप्रेन्योर्स को नसीहत दी है कि वह अपनी असफलताओं को उनका आत्मविश्वास ना खत्म करने दें।
वीजी सिद्धार्थ के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर चिकमंगलुरू में रखा जाएगा। अंतिम दर्शन के बाद चिकमंगलुरू में ही पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एसएम कृष्णा घर से निकलते हुए
वीजी सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार चिकमंगलुरू में किया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद उनका शव चिकमंगलुरू भेजा जाएगा।
वीजी सिद्धार्थ ने सुसाइड से पहले एक चिट्ठी छोड़ी थी, जिसमें उन्होंने एक प्राइवेट इक्विटी निवेशक और आयकर विभाग के डायरेक्टर जनरल द्वारा प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया है।
कैफे कॉफी डे ग्रुप भारी कर्ज के बोझ तले दबा था और कंपनी पर 4500 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। जिसके चलते वीजी सिद्धार्थ तनाव में थे।
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि शव सिद्धार्थ का प्रतीत होता है और अभी उनके परिवार से इसकी पुष्टि नहीं की गई हैं। दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त शशिकांत सेंथिल ने कहा, ‘‘एक शव मिला है जो उनका (सिद्धार्थ) प्रतीत होता है। परिवार को अभी इसकी अंतिम पुष्टि करनी है।’’ मैंगलोर के विधायक यूटी खादर ने बताया है कि मित्रों और रिश्तेदारों ने शव की पुष्टि कर दी है।
पुलिस के अनुसार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एस. एम. कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रावती नदी के पुल के पास सोमवार रात देखा गया था। सिद्धार्थ सोमवार की दोपहर बेंगलुरु से हासन जिले के सक्लेशपुर के लिए निकले थे लेकिन अचानक उन्होंने अपने कार चालक से मैंगलुरु चलने को कहा। पुलिस ने बताया कि नेत्रावती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए और उन्होंने चालक से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं।