केन्द्रीय राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि नोटबंदी के बाद कालाधन सार्वजनिक धन में तब्दील हो गया है। राज्यमंत्री ने कहा कि जो पैसा लोगों के लॉकर में जमा था और जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा था, अब नोटबंदी के बाद वह कालाधन, जनधन में तब्दील हो गया है और देश के विकास में काम आ रहा है। शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि हालांकि नोटबंदी के कुछ शुरुआती दिनों में लोगों को परेशानी उठानी पड़ी थी, लेकिन अब उसके फायदे सामने आ रहे हैं। बता दें कि शिवप्रताप शुक्ला गोरखपुर से 4 बार विधायक रह चुके हैं और साल 2016 में राज्यसभा सदस्य बनाए गए और उसके अगले साल उन्हें वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।

बता दें कि साल 8 नवंबर, 2016 की केन्द्र की मोदी सरकार ने देशभर में 500 और 1000 को नोटों को अमान्य कर दिया था। जिसके बाद नोट जमा करने और नए नोट निकालने के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइनें देखीं गईं थी। कालेधन पर प्रहार के उद्देश्य से सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा निर्णय लिया था और अभी तक भी देश की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का असर देखा जा रहा है। नोटबंदी के लिए मोदी सरकार को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थी। कई आर्थिक दिग्गजों समेत पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने भी नोटबंदी की आलोचना की थी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने साल 2014 में जनधन योजना की शुरुआत की थी, जिसमें जीरो बैलेंस पर लोगों का बैंक खाता खोला गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले गए, योजना के उद्घाटन वाले दिन ही करीब 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए थे।

गौरतलब है कि हाल ही में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नोटबंदी के से मिलने वाले फायदों पर सवाल खड़े किए थे। नीतीश कुमार ने नोटबंदी की आलोचना करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि नोटबंदी का जो फायदा मिलना चाहिए था, वह कहां मिला? बैंक वालों की लापरवाही के चलते नोटबंदी जैसा कदम भी बेअसर हो गया। जबकि इससे पहले नीतीश कुमार नोटबंदी का समर्थन कर चुके थे। भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी नोटबंदी पर सवाल खड़ा कर चुके हैं और इसके फायदे से ज्यादा नुकसान गिना रहे हैं।