संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। इस दौरान कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई थी। दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन और असम भवन के आसपास के इलाकों में भी धारा 144 लागू थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भवन विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंचे। इस पर पुलिस ने 350 लोगों को हिरासत में ले लिया।
गौरतलब है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से कई राहगीर थे, जो सिर्फ विरोध प्रदर्शन के वक्त उत्तर प्रदेश भवन के पास से गुजर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। दरियागंज निवासी अरशद ने बताया कि वह अपने एक दोस्त से मिलने नॉर्दन रेलवे कालोनी जा रहा था, जब वह रोड क्रॉस कर रहे थे, तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
बता दें कि जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी (JCC), जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का संगठन है, जिसने उत्तर प्रदेश में बीती 20 दिसंबर को कथित पुलिस कार्रवाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश भवन के घेराव का आयोजन किया था। पुलिस ने बताया कि इलाके में धारा 144 लागू थी, इसके चलते प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई थी, जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने 357 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें 282 पुरूष और 75 महिलाएं थीं।
पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग और कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन पहुंची, जहां कुछ देर रखने के बाद प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया गया। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के नेता बद्रे आलम को गुरूवार को ही बता दिया गया था कि वह इजाजत लेकर तय जगह जैसे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करें, लेकिन उन्होंने पुलिस की सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया।
शुक्रवार को दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन और असम भवन के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा था। साथ ही नजदीकी मेट्रो स्टेशन लोक कल्याण मार्ग को भी कुछ देर के लिए एहतियातन बंद कर दिया गया था। वहीं जेसीसी ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और बताया कि जब उन्होंने पुलिस से धारा 144 लागू होने संबंधी कागजात मांगे गए तो पुलिस संबंधित कागजात नहीं दिखा सकी।