CAA के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने भी माना है कि सरकार की तरफ से इस दिशा में कुछ तो कमी रही होगी। दरअसल इंटरव्यू के दौरान अमित शाह से पूछा गया कि CAA के मुद्दे पर क्या सरकार की तरफ से कम्यूनिकेशन को लेकर कुछ कमी रही?

इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि “कुछ तो कमी रही होगी, मुझे स्वीकार करने में दिक्कत नहीं है, मगर संसद का मेरा भाषण देख लीजिए, उसमें मैंने सब स्पष्ट किया है कि इस से किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता जाने का सवाल नहीं है।”

अमित शाह ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है। एनपीआर के तहत जनगणना की जाएगी, जिसके आधार पर विकास योजनाएं बनायी जाएंगी। वहीं एनआरसी के तहत लोगों से उनकी नागरिकता का सबूत मांगा जाएगा। फिलहाल एनआरसी को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है।

अमित शाह ने कहा है कि यह संभव है कि जनगणना (एनपीआर) में कुछ नाम छूट जाए, लेकिन इससे उनकी नागरिकता नहीं जाएगी क्योंकि यह एनआरसी की प्रक्रिया नहीं है। एनआरसी एक अलग प्रक्रिया है। मैं साफ करना चाहता हूं कि एनपीआर के चलते किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।

शाह बोले कि अभी एनआरसी को लेकर चर्चा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी इसे लेकर कोई बात नहीं हुई है। पीएम मोदी ने सही कहा था कि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

 

पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में NPR लागू नहीं करने की बात कही है। इस पर अमित शाह ने कहा है कि मैं दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वह ऐसे कदम ना उठाएं और अपने फैसले पर फिर से विचार करें। अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास कार्यक्रमों से वंचित ना करें।