नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। इसी बीच सरकार ने शुक्रवार को न्यूज चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में न्यूज चैनलों को ऐसे किसी भी कंटेंट के प्रसारण पर रोक लगाने के कहा गया है, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिलता है और या फिर राष्ट्र विरोधी मानसिकता को बढ़ावा मिलता है। खास बात ये है कि बीते 10 दिनों में सरकार की तरफ से जारी की गई है यह इस तरह की दूसरी एडवाइजरी है।

यह एडवाइजरी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। इससे पहले सरकार ने 11 दिसंबर को भी ऐसी ही एक एडवाइजरी जारी की थी। सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि ‘सभी न्यूज चैनल ऐसा कंटेंट को प्रतिबंधित करें, जो हिंसा को बढ़ावा देता है या फिर कानून व्यवस्था के खिलाफ है या राष्ट्रविरोधी मानसिकता को बढ़ावा देता हो।’

सरकार ने शुक्रवार को दूसरी एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि यह देखा गया है कि ‘कुछ न्यूज चैनल्स एडवाइजरी के बावजूद ऐसा कंटेंट प्रसारित कर रहे हैं, जो कि प्रोग्राम कोड के अनुसार नहीं है।’ सरकार ने न्यूज चैनलों से इस एडवाइजरी को दृढ़ता से लागू करने को कहा है।

बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा का दौर जारी है। हिंसा की शुरूआत दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। इसके बाद दिल्ली के सीलमपुर में हिंसा देखने को मिली। फिर हिंसा की यह घटनाएं अलीगढ़, मऊ, मेरठ, संभल और गुजरात के कई इलाकों में फैल गई।

यूपी में हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर और आंसू गैस के गोले छोड़कर उग्र भीड़ को नियंत्रित किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पुहंचाया। देशभर में हो रहे प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।