CAA Protest: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में धारा 144 लगने के बाद भी IIM के छात्रों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया। हालांकि उनका प्रदर्शन ऐसा था  कि उससे पुलिस को कोई परेशानी नहीं हुई। नागरिकता संशोधन कानून को देश में हो रहे विरोध को देखते हुए सरकार ने बेंगलुरु में 19 दिसंबर को ही धारा 144 लागू कर दी थी। इस कानून के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं। यूपी के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

डीन ने कॉलेज में प्रदर्शन करने से किया था मना: दरअसल IIM बेंगलुरू के छात्रों ने CAA और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन शुक्रवार (19 दिसंबर) को हुए प्रदर्शन को देखते हुए बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने 19 दिसंबर की सुबह 6 बजे से 21 दिसंबर की आधी रात तक धारा 144 लगा दी। यह शहर में होने वाले सभी प्रस्तावित प्रदर्शनों को देखते हुए किया गया था। जब IIM के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से प्रदर्शन में शामिल होने की इजाजत मांगी तो कॉलेज डीन ने यह कहते हुए मना कर दिया कि शहर में धारा 144 लागू है और कॉलेज कैंपस में किसी तरह के बड़े प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं है। इसलिए हम किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दे सकते है।

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CAA के खिलाफ जूते-चप्पल रख किया प्रदर्शन: छात्रों ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का नायाब तरीका खोज निकाला। दोपहर को वह सभी छात्र और फैकल्टी जमा हुए जो विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे। उन्होंने प्रदर्शन करने का अहिंसा तरीका अपनाते हुए सभी ने तख्तियों पर नारे लिखे और अपने जूते-चप्पल कॉलेज के मुख्य गेट के बाहर रख दिया। इसके बाद छात्र और फैकल्टी वापस गेट के अंदर आकर खड़े हो गए।

मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाकर जताया विरोध: बता दें कि पुलिस ने छात्रों को कहा था कि यदि वह गेट से बाहर प्रदर्शन करने के लिए आते है तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कई छात्रों ने इस डर से कॉलेज कैंपस के अंदर ही एक जगह बैठकर शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होकर अपने मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाकर विरोध जताया है।