CAA-NRC Shaheen Bagh Protest: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ बीते 70 दिनों से बंद शाहीन बाग का एक रास्ता शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने खोल दिया हालांकि प्रदर्शनकारियों के दूसरे ग्रुप ने इसे कुछ ही देर में बंद भी कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज 9 नंबर सड़क के सामने से बैरिकेडिंग हटाई लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। हालांकि एक अन्य समूह ने बैरिकेटिंग का एक छोटा हिस्सा खोल दिया। यह रास्ता नोएडा से फरीदाबाद की तरफ जाता है।
साउथ ईस्ट के डीसीपी के मुताबिक रोड नंबर 9 को प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने खोल दिया लेकिन बाद में एक अन्य समूह ने इसे बंद कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के एक और समूह ने बैरेकेडिंग का छोटा हिस्सा खोल दिया। सभी प्रदर्शनकारियों की इस पर सहमति है, अब तक इसपर कोई स्पष्टता नहीं है।’
वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन पर बातचीत के लिए नियुक्त किए गए वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच चौथे दिन भी सहमति नहीं बन पायी। शनिवार को वार्ताकार साधना रामचंद्रन फिर से शाहीन बाग पहुंची। जहां प्रदर्शनकारियों ने कई मांगें उनके सामने रखीं, लेकिन बातचीत आखिर में बेनतीजा रही।
शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता पैनल में शामिल वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा है कि हम यहां शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए नहीं आए हैं, हम सिर्फ यहां रास्ता खुलवाने के लिए आए हैं।
#WATCH Delhi: Celebrations underway as protestors open Noida-Kalindi Kunj Road via Road No. 9 (Okhla road) #ShaheenBaghProtests pic.twitter.com/UIqL4ms6a5
— ANI (@ANI) February 22, 2020
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन पर कहा है कि वहां लोग संविधान बचाने के लिए निकले हैं। ओवैसी ने शाहीन बाग को ऑर्गेनिक प्रोटेस्ट यानि कि अपनी तरह का खास धरना प्रदर्शन करार दिया है। ओवैसी ने एनपीआर को भी मुस्लिम विरोधी साथ ही गरीब विरोधी बताया है।
विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने तिरंगा लेकर 'आजादी' के नारे लगाए और सरकार से सीएए को वापस लेने की मांग की। कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों के सड़क पर बैठने की वजह से इधर से लोगों की आवाजाही बंद हो गई है।
रविवार को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए। इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी नहीं होगा। इस बात की जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट कर दी। डीएमआरसी ने लिखा 'जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी।'
शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा, ‘‘लोगों को अपनी समस्याओं के हल के लिए प्रदर्शन करने का हक है लेकिन इस प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है। सीएए किसी के खिलाफ नहीं है। यह किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि नागरिकता देने के लिए है।’’ उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ ये प्रदर्शन जानबूझकर भारत सरकार की उपलब्धियों को दबाकर लोगों को भ्रमित करने के प्रयास हैं जो असफल साबित होंगे।
इस बयान को यहां पहले भूलवश राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का बता दिया गया था। इस भूल के लिए हमें खेद है।
थावर चंद गहलोत ने शनिवार को यह भी कहा था, ‘‘देश विरोधी नारे कोई भी लगाए, निंदनीय है। जो राजनीतिक दल ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं, मैं उनकी निंदा करता हूं और उनको सलाह देता हूं कि जो पाकिस्तान समर्थित नारे लगाते हैं और देश विरोधी बातें करते हैं, उनको समर्थन देना बंद करें।"
नोएडा को दक्षिणपूर्वी दिल्ली और हरियाणा में फरीदाबाद तक जोड़ने वाली सड़क को शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मद्देनजर गत 15 दिसम्बर से बंद किया हुआ है। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि नोएडा यातायात पुलिस हालांकि सड़क पर उत्तर प्रदेश की तरफ प्रतिबंधों को जारी रखे हुए है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि शाहीन बाग में सड़क बंद होने से लोग परेशान हैं। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को दूसरे स्थान पर जाने का सुझाव दिया है, जहां कोई सार्वजनिक स्थान इसके चलते बंद न हो। प्रदर्शनकारियों को मनाने और उनसे बातचीत के लिए कोर्ट ने वार्ताकारों की नियुक्ति की है।
देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के जारी रहने के बीच हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनि कुमार ने शनिवार को कहा कि शहर में शाहीन बाग जैसे आंदोलन की अनुमति नहीं दी जाएगी। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने राजनीतिक दलों और अन्य से प्रदर्शन करने के लिए उपयुक्त प्रक्रिया के तहत अनुमति के लिए आवेदन देने का अनुरोध किया। कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हैदराबाद में शाहीन बाग जैसी घटना नहीं है। हैदराबाद की तुलना अन्य स्थानों से मत कीजिए जहां ये सभी नकारात्मक चीजें हो रही हैं। हैदराबाद में शाहीनबाग जैसा कुछ होने नहीं दिया जाएगा.... असंभव। आम लोगों के लिए असुविधा पैदा की गयी तो हैदराबाद पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी।'
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी कहा है कि सरकार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध हिन्दू-मुसलमान का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह धर्मनिरपेक्ष संविधान को बचाने की लड़ाई है।
नोएडा को दक्षिणपूर्वी दिल्ली और हरियाणा में फरीदाबाद तक जोड़ने वाली सड़क को शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मद्देनजर गत 15 दिसम्बर से बंद किया हुआ है। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि नोएडा यातायात पुलिस हालांकि सड़क पर उत्तर प्रदेश की तरफ प्रतिबंधों को जारी रखे हुए है।
सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश के सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं । भारतीय छात्र संसद के 10वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा, ‘‘हमारे संविधान में जहां संसद, विधानमंडल की शक्ति एवं विशेषाधिकार को अनुच्छेद 105 स्पष्ट करते हैं, वहीँ इससे पहले अनुच्छेद 51 ए मूल कर्तव्यों का उल्लेख करते हैं। भारतीय संविधान ने मूल कर्तव्यों के प्रति भी जिम्मेदारी तय की है।’’ नकवी ने कहा, ‘‘ जिस तरह से मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध में हम जागरूक रहते हैं उसी तरह से मूल कर्तव्यों के प्रति भी हमें जिम्मेदारी समझनी होगी।’’
सीएए विरोधी प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग में लगभग दो महीनों से बंद एक सड़क को प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा शनिवार को खोले जाने के तुरंत बाद बंद कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘लगभग दो घंटे पहले प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शाहीन बाग में सड़क संख्या नौ को फिर से खोला लेकिन एक अन्य समूह ने इसे फिर बंद कर दिया।’’ पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके।
भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने राजधानी दिल्ली के शाहीनबाग में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे धरने को ‘‘देश को बांटने’’ के लिए मुस्लिम देशों का एक वैश्विक षड्यंत्र बताया है। सिंह ने शुक्रवार रात यहां संवाददाताओं से कहा कि सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर मुस्लिम देशों द्वारा प्रायोजित एक षड्यंत्र है।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ बीते 70 दिनों से बंद शाहीन बाग का एक रास्ता शनिवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने खोल दिया हालांकि प्रदर्शनकारियों के दूसरे ग्रुप ने इसे कुछ ही देर में बंद भी कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज 9 नंबर सड़क के सामने से बैरिकेडिंग हटाई लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। यह रास्ता नोएडा से फरीदाबाद की तरफ जाता है।
शाहीन बाग का एक रास्ता शनिवार शाम को खोल दिया गया। ABP न्यूज के मुताबिक कालिंदी कुंज 9 नंबर के सामने से बैरिकेडिंग हटाई गई। यह रास्ता नोएडा से फरीदाबाद की तरफ जाता है।
वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से अबतक तीन दिन की बातचीत की है लेकिन मसले का हल नहीं निकल सका है। सुबह साधना रामचंद्र पहुंचीं तो शाम में संजय हेगड़े प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचेंगे।
वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से अपील कि वे किसी अन्य जगह पर अपना प्रदर्शन चालू रखें लेकिन महिलाओं ने साफ मना कर दिया। साधना ने बातचीत के दौरान कहा कि क्या आपको मेरा ये आइडिया पसंद है जिसके जवाब में महिलाओं ने कहा कि वे इसे नहीं मान सकती।
शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से अबतक स्थानीय व्यापार को 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। क्षेत्र के मार्केट एसोसिएशन के सदस्यों का दावा है कि इनमें से 250 के करीब आउटलेट पिछले ढाई महीने से बंद हैं और लगभग 3,000 कर्मचारी प्रदर्शन से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन पर कहा है कि वहां लोग संविधान बचाने के लिए निकले हैं। ओवैसी ने शाहीन बाग को ऑर्गेनिक प्रोटेस्ट यानि कि अपनी तरह का खास धरना प्रदर्शन करार दिया है।
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम के दौरान शाहीन बाग में जारी धरने प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बच्चे नारे लगा रहे हों कि हम मोदी को मारेंगे, तब आप क्या कहेंगे। जब लोग कहते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, या फिर हम 15 करोड़ हैं...तब आप क्या कहेंगे।
वार्ताकार वकील संजय हेगड़े शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना आपका अधिकार है लेकिन आपके अधिकार के चलते किसी और के अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए , इसलिए लोगों को दिक्कत ना हो यह सड़क खोल देनी चाहिए और प्रदर्शन किसी और जगह पर होना चाहिए।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मिलीं साधना रामचंद्रन..
दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये अवरोधक लगाए हैं। एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ‘‘इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं। दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एकमात्र सड़क नहीं है।’’
केरल के राज्यपाल आरिफ खान ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में जारी धरने प्रदर्शन की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि "संसद के पास किसी कानून या सरकार की किसी भी पॉलिसी पर मतभेद जताने का सभी को अधिकार है और इस अधिकार का सम्मान भी किया जाना चाहिए। लेकिन अगर पांच लोग दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठ जाएं और कहें कि जब तक संसद हमारे मुताबिक कोई प्रस्ताव पारित नहीं करती है तब तक हम नहीं उठेंगे तो यह ठीक नहीं है, यह एक दूसरी तरह का आतंकवाद है।"
हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने बीते दिनों शाहीन बाग नाईट का आयोजन किया था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों पर विश्वविद्यालय नियमों का उल्लंघन करने पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया है।
तमिलनाडु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर मुसलमानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए शुक्रवार को कहा कि वे ऐसी कोई चीज नहीं होने देंगे जो अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाए। पार्टी ने चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर दुष्प्रचार करके भ्रम पैदा करने का आरोप भी लगाया। अन्नाद्रमुक ने कहा कि राज्य की के पलानीस्वामी सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर कहा है कि आगामी जनगणना की प्रक्रिया में कुछ सूचनाओं और आधार जैसे दस्तावेजों से बचना चाहिए। पार्टी का इशारा परोक्ष रूप से एनपीआर की प्रक्रिया के कुछ पहलुओं को लेकर उठ रही आशंका की ओर था।
हेगड़े ने कहा, ‘‘हम पुलिस द्वारा नोएडा-फरीदाबाद सड़क खोले जाने से सुबह बहुत खुश थे। इससे फरीदाबाद के यात्रियों को काफी राहत मिली। हालांकि हमें सूचित किया गया कि कुछ ही देर बाद पुलिस ने किसी स्पष्ट कारण के बिना सड़क पर फिर अवरोधक लगा दिए। यह हमारे लिए काफी निराशाजनक है और हम इस बात पर जोर देते हैं कि सड़कों पर फिर अवरोधक लगाने से पुलिस की ओर से विश्वास जीतने की कोशिश विफल हो जाएगी।’’
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता कमेटी के सदस्य रामचंद्रन ने कहा, ‘‘जब हमनें सड़कों का निरीक्षण किया तो पाया कि आप (प्रदर्शनकारी) सही थे। कई सड़कें खुली हैं जिन्हें पुलिस ने बंद कर रखा है। मैं यह कहते हुए बेहद व्यथित हूं कि नोएडा-फरीदाबाद मार्ग जो शुक्रवार को खुला था उसे पुलिस ने फिर बंद कर दिया है। जिस किसी ने भी यह किया है वह अब उच्चतम न्यायालय के प्रति जवाबदेह है।’’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी जल्द नहीं आने जा रही, इसलिये उनसे एक सर्कुलर जारी करने को कहिए जिसमें यह बात हो कि वे अब एनआरसी नहीं ला रहे हैं। हम चाहते हैं कि अगर प्रदर्शन स्थल के बगल वाली सड़क खोली जाती है तो उच्चतम न्यायालय हमारी सुरक्षा के लिए एक आदेश जारी करे।’’
एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ‘‘सरकार सोचती है कि महिलाएं अशिक्षित हैं। हम सभी शिक्षित महिलाएं हैं जो जानती हैं कि हम किस लिये लड़ रहे हैं। हमें सीएए और एनआरसी के बारे में और जानकारी दे रहे, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को पीटा जा रहा है। पुलिस अगर हम पर गोली चलाने वाले लोगों को नहीं रोक सकती, तो वे ये दावा कैसे कर रहे हैं कि अगर समानांतर सड़क खुल जाती है तो वे हमारी सुरक्षा करेंगे।’’ एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये बंद किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमनें प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समानांतर सड़क पर बैरीकेड लगाए हैं। अगर सड़क यात्रियों के लिये खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिये दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’’
प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया कि उनके तंबू की समानांतर सड़क पर पुलिस ने बैरीकेड लगाए हैं । इसके अलावा शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग को जोड़ने वाली दो अन्य सड़कों को भी अवरुद्ध किया गया है। वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मामले पर चर्चा के लिये पुलिस को भी मौके पर बुलाया था।