नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने वाले AIADMK के राज्यसभा सांसद ए मोहम्मद जॉन के खिलाफ पार्टी कार्रवाई कर सकती है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी है, जिसे देखते हुए पार्टी कार्रवाई कर सकती है। साथ ही सांसद के खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहें है। फिलहाल इसके मद्देनजर उन्हें सुरक्षा दी गई है।
सांसद के खिलाफ प्रदर्शन: बता दें कि सोमवार (16 दिसंबर) को वेल्लोर के अर्कोट जमात जो मुस्लिम क्षेत्र के लगभग दर्जनों मस्जिदों को नियंत्रित करता है ने पार्टी के कहने पर बिल का समर्थन करने वाले सांसद जॉन का विरोध किया। साथ ही जॉन को जमात के सभी पदो से हटा दिया है। सांसद को सभी जिम्मेदारियों से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। उनके खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए सरकार की तरफ से उन्हे सुरक्षा दी गई है। सांसद जॉन के खिलाफ लोकप्रिय मोर्चा और जमात-ए-इस्लामी समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है। गौरतलब है कि जॉन 2011 में जयललिता के मंत्रिमंडल में मंत्री थे।
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लोगों के बीच डर का माहौल है: द इंडियन एक्सप्रेस से बात करने वाले अर्कोट मस्जिद के मौलाना ने बताया कि वे लोग डर से केवाईसी और क्षेत्र के लोगों के ज़रूरी दस्तावेज़ इकट्ठा कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (एनआरसी) और सीएए का पालन कर सकें। मौलाना ने बताया कि हमने अपने नाम, उपनाम और पते के संबंध में अपने पहचान पत्र में गलतियों को ठीक करने के लिए क्षेत्र के लोगों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। सरकार के तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं है लेकिन असम से रिपोर्टों को देखकर लोगों के बीच एक डर का माहौल पैदा हो गया है।
डीएमके 23 दिसंबर को करेगी रैली: बता दें कि बुधवार (18 दिसंबर) को तमिलनाडु में इस नए कानून के विरोध में कई प्रदर्शन हुए, जिसमें छात्रों ने अधिक संख्या में भाग लिया, स्टालिन की अगुवाई वाली डीएमके ने सर्वदलीय बैठक कर तय किया है कि इस बिल के खिलाफ 23 दिसंबर को पार्टी चेन्नई में रैली करेंगी।
छात्रों को समर्थन करने पहुंचे थे कमल हासन: रविवार (15 दिसंबर) को जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित पुलिस कार्रवाई के बाद मद्रास विश्वविद्यालय के 100 से अधिक छात्रों द्वारा राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था। अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समर्थन करने पहुंचे थे लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
