CAA यानी नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध जारी है। सरकार का कहना है कि इसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है और लोगों तक सही बात नहीं पहुंच रही है। वह हिंंसा के लिए कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। यह बात सही है कि विरोध प्रदर्शनों में कई असामाजिक तत्व भी अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, लेकिन जगह-जगह आम नागरिक भी सड़कों पर उतरे हुए हैं। उनके सवालों के जवाब देने के लिए सरकार तैयार नहीं है। उल्टे मंत्रियों के बयान उलझन बढ़ाने वाले हैं। यह बात काफी हद तक सही है कि CAA और NRC से जुड़े इन सवालों के जवाब अगर सरकार दे सकी तो जनता की आशंकाओं का समाधान हो सकता है। नतीजतन, विरोध की आग भी ठंडी पड़ सकती है।
1. क्या CAA यानी नागरिकता संशोधन क़ानून से पहले भारत में घुसपैठियों को आने से रोकने या आ गए घुसपैठियों को बाहर करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान था या नहीं?
2. क्या हिंंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यानी गैर-मुस्लिम शरणार्थी अगर भारत की नागरिकता के लिए अर्जी दे तो उसे मंजूर करने या नकारने का अधिकार CAA से पहले भारत सरकार के पास था या नहीं?
3. CAA से पहले किसी मुस्लिम शरणार्थी द्वारा भारत की नागरिकता मांगे जाने पर सरकार उसे नकार या मंजूर कर सकती थी या नहीं?
4. अगर ऊपर के तीन सवालों के जवाब हां में हैं तो CAA लाने से क्या मकसद हासिल होगा?
5. अगर CAA लाया गया तो हिंदू, सिख, ईसाई आदि लिखने या बताने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या केवल ”अल्पसंख्यक” लिखना काफी नहीं था?
6. CAA और NRC जैसे बड़े मुद्दों पर सही-गलत विरोध को उस स्थिति तक क्यों पहुंचने दिया गया, जहां बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी, मौतें हुईं? अब भी इसे रोकने का कोई ठोस प्लान है?
7. NRC पर गृह मंत्री, मंत्री, प्रधानमंत्री की अलग राय के बीच देश किसकी बात पर भरोसा करे?
8. अगर गृह मंत्री अमित शाह की बात मानते हुए माना जाए कि सरकार पूरे देश में NRC लागू करेगी तो इस पर आने वाला खर्च वहन करने की स्थिति में अभी भारत है और उस खर्च की वैल्यू देश को मिलेगी? केवल असम में NRC लागू करने में 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं और अरबों मानव घंटों की खपत हुई है। पूरे देश में लागू करने में कितना ख़र्च आएगा?
9. जब हम हर दस साल पर जनगणना कराते ही हैं तो अलग से NRC के लिए इतना खर्च करना हमारी आर्थिक स्थिति के मद्देनजर सही है? यह विकास में हमें और पीछे नहीं ले जाएगा?
10. अगर नागरिकता साबित करने के लिए आधार, वोटर कार्ड, पासपोर्ट आदि दस्तावेज और यहां तक कि गवाही भी मान्य होगी तो क्या इन कागजात वालों को NRC की कागजी प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा?
11. प्रक्रिया के दौरान सरकार की ओर से लापरवाही (टाइप करने में गलती आदि) हुई तो जनता की नागरिकता का क्या होगा? गलती सही करवाने की क्या प्रक्रिया/व्यवस्था होगी?
12. आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि अगर बाहरी लोगों ने बनवा लिए हैं, तो वे लोग NRC के काग़ज़ नहीं बनवा सकेंगे, इसके लिए क्या प्रक्रिया/व्यवस्था होगी? अगर NRC ऐसेे लोगों की पहचान के लिए है तो यह पहचान सरकार अभी ही क्यों नहीं कर सकती?
13. जैसी अफरातफरी असम में मची, वैसी देश भर में नहीं मचेगी, इसकी क्या व्यवस्था होगी? नोटबंदी देश भर में हुई थी। उस दौरान जो अव्यवस्था और अफरातफरी मची थी, देश उसका गवाह रहा है।