बुंदेलखंड के किसानों, खेतिहर मजदूरों के सभी कर्जे माफ कर अकाल से जूझ रहे यहां के किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें प्रदेश और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा गया है।
शुक्रवार को पूर्वमंत्री और बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता अकबर अली एडवोकेट की अगुआई में बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शिरोमणि, जिला उपाध्यक्ष शाकिर हसन वारिसी, जिला महासचिव उदयवीर सिंह दोहरे, जिला पंचायत सदस्य अल्ताफ खान, मंडल कोआर्डीनेटर, सचिन पलरा, संजय गौतम, वरिष्ठ नेता दीपू लिवेदी, रामदुलारे कुशवाहा, सोनी चौधरी, संजय चौधरी, शिवप्रताप परिहार, प्रह्वाद सिंह और राजू चौधरी आदि ने जिलाधिकारी रामगणेश को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि बुंदेलखंड में कई सालों से सूखा और अकाल की स्थिति बनी हुई है।
किसानों की फसलें प्राय: नष्ट हो रही हैं। किसानों का जीना मुश्किल हो गया है। बुंदेलखंड क्षेत्र में कभी बेमौसम बरसात तो कभी बारिश नहीं होने के कारण सूखा और अकाल की स्थिति के चलते किसानों, खेतिहर मजदूरों को खाने के लाल पड़ गए हैं। लागत के अनुपात में फसल की उपज न होने के कारण किसान परेशान हो कर आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जबकि प्रदेश की अखिलेश सरकार और मोदी सरकार अकाल के कारण आत्महत्या कर रहे किसानों को नपुंसक बताकर उनकी मौत का मजाक उड़ा रही है। इसके पहले बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तबाह फसलों का मुआवजा भी सभी किसानों को नहीं मिल पाया है, जिससे किसानों में आक्रोश है। जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है। वह इतना कम है जिससे उनके खाद और बीज का खर्च भी नहीं निकल पाया।
इसलिए मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए। किसानों को आत्महत्या से बचाने के लिए उनके सभी तरह के कर्जे माफ किए जाएं। खेती किसानी पर निर्भर गांव के किसान मजदूर के पास कामधंधे का कोई और जरिया नहीं रह गया है। ऐसे में वह रोजगार की तलाश में अपने घरों को छोड़कर दूसरे प्रदेशों में पलायन को मजबूर हैं।
बसपा ने ज्ञापन में मांग की है कि रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रांतों के लिए पलायन कर रहे बुंदेलखंड के किसानों, मजदूरों को उनके गांव में भी रोजगार के अवसर दिलाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जाए। किसानों का सम्मान परिवार के भरण- पोषण के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार उन्हें आर्थिक मदद दे। नहरों की सिल्ट सफाई करवाकर किसानों के अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।