बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। उन्होंने रविवार को X पर कहा कि दो दिनों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद पार्टी ने संगठनात्मक कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया है। बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
मायावती ने कहा, “बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को कमियों को दूर करके पूरी मुस्तैदी व तन, मन, धन से आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया और उन्हें पार्टी की यात्रा व जनसभा आदि कार्यक्रमों के संबंध में विशेष जिम्मेदारी भी सौंपी गयी।”
मायावती ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद व केंद्रीय को-आर्डिनेटर व राज्यसभा सांसद रामजी गौतम तथा बीएसपी की बिहार स्टेट यूनिट को साैंपी गयी है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बिहार की जरूरतों को देखते हुए राज्य की सभी विधानसभा सीटों को तीन जोन में बांटकर पार्टी के वरिष्ठ लोगों को उसकी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला भी बैठक में लिया गया। उन्होंने बताया है कि बिहार के राजनीतिक हालात और चुनावी समीकरण को देखते हुए बीसएपी के नेताओं ने उन्हें चुनाव में बेहतर नतीजे लाने का भरोसा दिया है।
गिर रहा बसपा का ग्राफ
लोकसभा चुनाव 2024 के बेहद खराब नतीजों के बाद मायावती ने एक बार फिर से सक्रियता बढ़ाने की कोशिश की है। मायावती उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन के बाद बीएसपी के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा को कोई सीट नहीं मिली और वह सिर्फ 2.04% वोट ही हासिल कर पाई।
लोकसभा चुनाव में बसपा का वोट शेयर और सीटें
साल | बसपा को मिली सीट | बसपा को मिले वोट (प्रतिशत में) |
1989 | 3 | 2.1 |
1991 | 3 | 1.8 |
1996 | 11 | 4.0 |
1998 | 5 | 4.7 |
1999 | 14 | 4.2 |
2004 | 19 | 5.3 |
2009 | 21 | 6.2 |
2014 | 0 | 4.2 |
2019 | 10 | 3.7 |
2024 | 0 | 2.04 |
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी बीएसपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। दिल्ली में तो बीएसपी को केवल 0.58% वोट मिले थे जो एआईएमआईएम को मिले 0.77% के वोट शेयर से भी कम थे।
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