उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुसलमान वोटरों को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रही है।  बसपा प्रमुख मायावती पहले ही मुसलमानों से आगामी चुनाव में बसपा को जिताने की सीधी अपील कर चुकी हैं।  मायावती ने मुस्लिम युवकों को पार्टी से जोड़ने के लिए अपने करीबी और पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे अफजल को युवा चेहरे के तौर पर उतारा। और अब बसपा के कार्यकर्ता सूबे के मुसलमानों को कुरान और हदीस का हवाला देकर सपा और कांग्रेस के शासन के दौरान उनके संग हुए बरताव की याद दिला रहे हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार

रिपोर्ट के अनुसार बसपा विधायक और पार्टी के क्षेत्रीयं संयोजक अतर सिंह राव ने बुधवार (19 अक्टूबर) को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बैठक में कहा,  “आपकी हदीस कहती है कि सैलानियों को मंजिल तक पहुंचने के लिए एक कायद (नेता) की जरूरत होती है…दलितों ने एक नेता को चुना और उसके पीछे चले। जो समुदाय पिछले 5 हजार सालों से गुलाम था वो आपकी हदीस पर अमल करके राजा हो गया।”

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राव ने सभा में मौजूद श्रोताओं को लाल किला, कुतुब मीनार औ ताज महल की याद दिला के उनके शाही विरासत की याद दिलायी। रिपोर्ट के अनुसार राव ने कहा, “नमाज और जनाजे के लिए आप एक साथ आते हैं, लेकिन वोट के समय बिखर जाते हैं।जिस काफिले का कोई रहबर नहीं होता वो काफिले भटक जाते हैं, लुट जाते हैं।” माना जा रहा था कि “कायद” से राव का इशारा नसीमुद्दीन की तरफ था। मायावती शासन में नसीमुद्दीन को उनके सबसे भरोसेमंद लोगों में माना जाता था। उनके पास मायावती सरकार में 18 मंत्रालयों का प्रभार था।

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पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भी इस भाईचारा बैठक को संबोधित किया और राव की बातों का समर्थन किया। बैठक की शुरुआत में उनके बेटे अफजल ने कुरान की आयत पढ़ी। नसीमुद्दीन ने श्रोताओं से कहा कि सपा और कांग्रेस उन्हें तेजपत्ते के तरह इस्तेमाल करते हैं और काम हो जाने के बाद फेंक देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “हमारा इस्तेमाल किया जाता है और बाद में फेंक दिया जाता है।” नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी बीजेपी से मिलकर चुनावी लाभ के लिए हिंदू मुस्लिम के बीच दरार डालना चाहती है। नसीमुद्दीन ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा, “मोदी ने लोक सभा चुनाव से पहले अच्छे दिन का वादा किया था लेकिन पहले घर वापसी आई, फिर लव जिहाद और फिर बीफ पर राजनीति और गुंडागर्दी।” उन्होंने कहा, “जब मोदी अपनी पत्नी जशोदाबेन, जिन्हें मैं अपनी बहन मानता हूं, के अच्छे दिन नहीं ला सकते तो वो हमारे अच्छे दिन क्या लाएंगे।”

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