नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बीएसपी चीफ मायावती ने इसे तुरंत वापस लेने की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य इस कानून के परिणाम अच्छे नहीं होंगे। उन्होंने इस कानून को असंवैधानिक बताया और कहा कि देश के हालात इमर्जेंसी जैसा होता जा रहा है। कहा कि इसको तुरंत वापस ले लेने में ही देश में शांति व्यवस्था कायम हो सकती है।

देश के कई हिस्सों में हो रहा विरोध-प्रदर्शन : नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास होने के बाद से ही देश के कई हिस्सों में इसे लेकर लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। नार्थ-ईस्ट और बंगाल से लेकर दिल्ली तक आंदोलन चल रहे हैं। कई शहरों में इसे लेकर हिंसा फैल गई। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार रात भारी हिंसा हुई थी। दिल्ली, असम और बंगाल के अलावा यूपी बिहार में भी इस कानून के खिलाफ लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग : कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति से मिलकर इस कार्रवाई के खिलाफ अपना विरोध जताएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि इसकी न्यायिक जांच हो। उन्होंने सोमवार को ट्वीट करके बताया कि ‘नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आंदोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता के संबंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी संसदीय दल कल अलग से राष्ट्रपति से मिलेगा, जिसके लिए समय की मांग की गई है।’

बोलीं स्थिति आपातकाल जैसी हो रही है : बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि पुलिस की दमन वाली कार्रवाई की वह भर्त्सना करती हैं। उन्होंने जामिया और अलीगढ़ यूनीवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि छात्रों के आंदोलन को किसी भी कीमत पर शांत किया जाना चाहिए। अगर छात्र शांत नहीं हुए तो यह आग पूरे देश में फैल जाएगी। उसका परिणाम बहुत भयानक हो सकता है। कहा कि सरकार ने अगर इस असंवैधानिक कानून को वापस नहीं लिया तो स्थिति आपातकाल जैसी हो जाएगी, जैसा कांग्रेस शासन में हुआ था।