सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के लगभग 7 महीने बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू के पास 70 से ज्यादा आतंकी लॉन्च पैड को सक्रिय कर दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सैन्य चौकियों और वहां चल रहे आतंकी ढांचों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा था।

बीएसएफ का कहना है कि कई आतंकी लॉन्च पैड इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ़ कंट्रोल के आसपास फिर से बन गए हैं और पाकिस्तान भी छोड़ी गई सैन्य चौकियों और ड्रोन के इस्तेमाल की रणनीति पर काम कर रहा है।

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक विक्रम कुंवर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सभी आतंकी लॉन्च पैड को बॉर्डर से हटाकर अंदरूनी इलाकों में ट्रांसफर कर दिया था।

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विक्रम कुंवर ने कहा, “हालांकि, पुरानी आदतें जल्दी नहीं जातीं। पाकिस्तान के सियालकोट और जफरवाल इलाकों में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास बारह आतंकी लॉन्च पैड सक्रिय हो गए हैं। बाकी 60 लॉन्च पैड नियंत्रण रेखा के उस पार (जम्मू के पास) के इलाकों में बने हैं।”

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक ने कहा कि इन आतंकी लॉन्च पैड में आतंकवादियों की संख्या बदलती रहती है।

पंजाब के बहावलपुर तक किया था हमला

2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने LoC से 60 किलोमीटर दूर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी लेकिन इस बार भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में 150 किलोमीटर अंदर घुसकर पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर तक हमला किया था।

भारत ने मुरीदके, बहावलपुर और कोटली में एयर स्ट्राइक की थीं और ये वे जगह हैं जो भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों के गढ़ हैं। इन आतंकी संगठनों ने मुंबई से लेकर संसद पर हमले सहित कई वारदातों को अंजाम दिया था।

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बहावलपुर में जिस जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह को भारत ने टारगेट किया था, वहीं पर मसूद अजहर पैदा हुआ और यह जगह जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा बनी। इसी तरह PoK में कोटली हिजुबल मुजाहिदीन का सबसे पुराना अड्डा है।

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