ब्रिटिश सांसद डेब्बी अब्राहम्स के नई दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने और उन्हें वापस भेजने पर सरकार ने सफाई दी है। सरकार के एक सूत्र ने बताया कि भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्ता के चलते सांसद का वीजा रद्द किया गया। ब्रिटिश सांसद का ई-बिजनेस वीजा रद्द होने की जानकारी भी उन्हें 14 फरवरी को ही दे दी गई थी। सोमवार (17 जनवरी, 2020) को दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होने के बाद अब्राहम्स को वापस दुबई भेज दिया गया।
लेबर पार्टी की सांसद डेब्बी अब्राहम्स जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने की विरोधी रही हैं। कश्मीर के अन्य मुद्दों पर भी उन्होंने भारत सरकार की खूब आलोचना की। सूत्रों ने बताया कि वीजा देना, अस्वीकार करना और निरस्तीकरण किसी भी देश का संप्रभु अधिकार है।
बता दें कि अब्राहम्स को 7 अक्टूबर, 2019 को ई-बिजनेस वीजा जारी किया गया, जिसकी वैधता 5 अक्टूबर, 2020 तक थी। सांसद को ई-बिजनेस वीजा भारत में व्यापारिक बैठक में शामिल होने के लिए जारी किया गया। सूत्रों ने बताया कि अब्राहम्स जिस समय भारत की यात्रा पर आईं, उनके पास वैध वीजा नहीं था। इसलिए उनसे वापस लौटने का अनुरोध किया गया। सूत्र ने आगे बताया कि ब्रिटिश नागरिकों के लिए एयरपोर्ट पर ‘वीजा ऑन अराइवल’ का कोई प्रावधान नहीं है।
दूसरी तरफ कश्मीर पर एक संसदीय दल का नेतृत्व कर रही सांसद ने सोमवार को दावा किया कि एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान उनके पास वैध वीजा था। हालांकि भारत उनके इस दावे को खारिज कर दिया। कश्मीर पर आल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप की अध्यक्ष एवं लेबर पार्टी की सांसद डेब्बी अब्राहम्स ने ट्वीट किया कि सोमवार सुबह वह दिल्ली पहुंचीं और उन्हें बताया गया कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है, जो अक्टूबर 2020 तक वैध था।
इसके तुरंत बाद ही गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटिश सांसद को समुचित ढंग से सूचना दे दी गई थी कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है और इस बात की जानकारी होने के बावजूद वह दिल्ली आईं। इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें ‘13 फरवरी से पहले कोई मेल नहीं मिला था।’ उन्होंने कहा कि उसके बाद से वह यात्रा पर हैं और अपने कार्यालय से दूर हैं। (एजेंसी इनपुट)

