जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की आलोचना करने वाली ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजे जाने के बाद आरोप प्रत्यरोप का दौर जारी है। एक तरफ जहां सांसद का कहना है कि उनके पास वैध वीजा था तो वहीं सरकार के सूत्रों को कहना है कि सांसद को यात्रा से पहले ही उनके वीजा के बारे में बता दिया गया था।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक सोमवार (17 फरवरी) को भारत यात्रा से पहले उन्हें 14 फरवरी को उनके ई-व्यापार वीजा की अस्वीकृति के बारे में सूचित कर दिया गया था। वीजा को रद्द करने के पीछे ब्रिटिश सांसद की ‘भारत विरोधी गतिविधियां’ हैं। सूत्रों ने यह भी कहा है कि किसी का वीजा रद्द करना और स्वीकार करना किसी भी देश का संप्रभु अधिकार है।

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि ‘मेरे साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर अपराधियों जैसा सलूक किया गया। अन्य यात्रियों की तरह मैंने भी इमिग्रेशन अधिकारियों को अपना ई-वीजा और पासपोर्ट दिखाया। मेरे दस्तावेज देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा वीजा रद्द किया जा चुका है।’

विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद और कश्मीर पर सर्वदलीय सांसद समूह की अध्यक्ष अब्राहम्स ने आगे कहा ‘असभ्य इमिग्रेशन अधिकारी मुझपर चिल्ला रहे थे। मैंने उनसे कहा कि आप मुझपर इस तरह से नहीं चिल्ला सकते। इसके बाद उन्होंने मुझसे बैठने के लिए कहा लेकिन मैंने मना कर दिया। मैं वैध ई-वीजा पर भारत की यात्रा कर रही थीं लेकिन मेरे वीजा को बिना स्पष्टीकरण के रद्द कर दिया गया।’ वहीं लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इस बात की पुष्टि की कि डेबी अब्राहम्स के पास वैध वीजा नहीं था इसलिए उन्हें भारत में प्रवेश से रोक दिया गया। ब्रिटिश नागरिकों के लिए ‘वीजा ऑन अराइवल’ का प्रावधान नहीं है।