ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर कथित तौर पर माप की राजशाही व्यवस्था यानी पाउंड और औंस की वापसी की घोषणा करने की तैयारियों में जुटे हैं। इसे ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय माप प्रणाली से अलग होने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ब्रिटिश सिंहासन पर 96 वर्षीय महारानी के काबिज होने के 70 साल पूरे होने के जश्न के तहत की जाने वाली घोषणाओं के एक हिस्से के रूप में जानसन देश पर यूरोपीय संघ (ईयू) के एक और प्रभाव को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। इसे कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू पूर्णबंदी का उल्लंघन कर डाउनिंग स्ट्रीट में दावत आयोजित किए जाने से नाराज ब्रेक्जिट सम र्थक मतदाताओं को मनाने की जानसन की एक कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

मौजूदा समय में इंग्लैंड, स्काटलैंड और वेल्स में डिब्बाबंद या खुला सामान बेचने वाले दुकानदार कानूनी रूप से मीट्रिक माप इकाई, मसलन ग्राम, किलोग्राम, मिलीलीटर और लीटर का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य हैं। वजन मापने की मीट्रिक प्रणाली में जहां 1,000 ग्राम को एक किलोग्राम के बराबर माना जाता है, वहीं शाही प्रणाली के तहत एक स्टोन में 14 पाउंड, जबकि एक पाउंड में 16 औंस होते हैं।

हालांकि, ब्रिटेन में अभी भी पाउंड और औंस में सामान की कीमत निर्धारित करना वैध है, लेकिन इसके साथ ग्राम और किलोग्राम में दाम दर्शाना भी जरूरी है। साल 2000 में यूरोपीय संघ के वजन और मा प संबंधी दिशा-निर्देश लागू होने के बाद व्यवसायों के लिए ताजा उपज की बिक्री के लिए मीट्रिक इकाइयों का इस्तेमाल करना अनिवार्य हो गया था।

ब्रेक्जिट के बाद के कदम के तहत ब्रिटेन में मीट्रिक इकाइयों को पूरी तरह से खत्म किए जाने की उम्मीद नहीं है, लेकिन दुकानदारों को यह चुनने की आजादी मिल सकती है कि वे किस माप प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहते हैं। जानसन ने 2019 में अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान शाही माप प्रणाली को वापस लाने का भरोसा दिलाया था। पारंपरिक माप प्रणाली के प्रति ‘उदारता और सहिष्णुता के नए युग’ की शुरुआत करते हुए उन्होंने दावा किया था कि पाउंड और औंस में माप की व्यवस्था एक ‘प्राचीन आजादी’ है।