Republic Day 2020: 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो को मुख्य अतिथि बनाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सीपीआई के राज्यसभा सांसद बिनोए विश्वम ब्राजीली राष्ट्रपति को चीफ गेस्ट बनाए जाने से नाराज हो गए हैं औऱ उन्होंने इस दिन होने वाले भव्य कार्यक्रम का विरोध करने की बात कही है। विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर याद दिलाया है कि कभी जेयर मेसियास बोलसोनारो ने WTO में भारत का विरोध किया था। सांसद बिनोए विश्वम ने यह भी लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे शख्स का स्वागत करने जा रहे हैं जिनकी नीति और सोच कट्टरता तथा महिलाओं से भेदभाव पर आधारित है।

अपने खत में सीपीआई के सांसद ने साफ किया है कि वो ब्राजीली राष्ट्रपति को चीफ गेस्ट बनाए जाने के विरोध में इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने लिखा है कि ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो ने अमेजॉन के जंगलों में लगी आग के प्रति उदासीनता और निष्क्रियता दिखाई थी। उन्होंने लिखा है कि देश के संघर्षशील गन्ना किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का भी विरोध जेयर मेसियास बोलसोनारो ने WTO में किया था।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति के रूप में बोलसोनारो की यह पहली भारत यात्रा है। वह आठ मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों और एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। इस दौरान भारत और ब्राजील के 15 समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर बोलसोनारो 24 से 27 जनवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। वह 26 जनवरी को 71वीं गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। इससे पहले 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने बोलसोनारो को गणतंत्र दिवस समारोह का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था।

शनिवार को बोलसोनारो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इसके अलावा उनकी उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात होगी। 1996 और 2004 में भी ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बन चुके हैं। वहीं, 2016 में ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमेर गोवा में आयोजित 8वीं ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने भारत आए थे।