BrahMos Manufacturing Unit: भारत और पाकिस्तान के बेहद तनावपूर्ण होते रिश्तों के बीच उत्तर प्रदेश में एक बड़ा घटनाक्रम होने जा रहा है। घटनाक्रम यह है कि 11 मई को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली यूनिट का उद्घाटन करेंगे। इस यूनिट में हर साल 80 से लेकर 100 मिसाइल तक बनाई जाएंगी।
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जिस डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का ऐलान किया था, ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली यह यूनिट इसी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है। इस यूनिट की नींव 2021 में रखी गई थी।
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उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक सीनियर अफसर ने The Indian Express को बताया कि ब्रह्मोस की यह यूनिट 300 करोड़ की है और इसके उद्घाटन से डिफेंस कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा। पहले चरण में डिफेंस कॉरिडोर के लिए लगभग 1600 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है।
कॉरिडोर में हैं 6 नोड
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 6 नोड हैं। ये नोड- लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के अफसरों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार अलीगढ़ में इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनों के आवंटन के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी कर रही है। लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में जमीन पहले ही आवंटित की जा चुकी है। आगरा में प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिलने में कुछ परेशानियां थीं लेकिन अब इसे सुलझा लिया गया है।
प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार
राज्य सरकार के अफसरों का कहना है कि इन सभी नोड्स में यूनिट अलग-अलग चरण में है लेकिन ब्रह्मोस की यूनिट का उद्घाटन होने के बाद इस पूरे प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलेगी। लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एरोलॉय टेक्नोलॉजीज के अलावा, झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम, टाटा टेक्नोलॉजीज, ग्लोबल इंजीनियर्स और डब्ल्यूबी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया; कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, अनंत टेक्नोलॉजीज और जेनसर एयरोस्पेस और अलीगढ़ नोड में एंकर रिसर्च लैब्स एलएलपी और एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स ने निवेश का प्रस्ताव दिया है।
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