बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग हो रही है। परीक्षा को रद्द करने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई है और इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी। इसके अलावा प्रदर्शनकारी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के लिए जिले के एसपी और डीएम के खिलाफ भी कार्यवाही करने की मांग की गई है।
शनिवार को दायर की गई थी याचिका
बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका शनिवार को दायर की गई थी। याचिका में बीपीएससी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया गया है। वहीं इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है।
वहीं परीक्षा को रद्द करने की मांग पर बीपीएससी ने कहा है कि यह नहीं किया जा सकता है। बीपीएससी ने कहा कि बापू केंद्र को छोड़कर किसी भी केंद्र पर परीक्षा को दोबारा आयोजित नहीं किया जाएगा। बीपीएससी ने कहा कि परीक्षा को फिर से आयोजित करने के संबंध में किसी भी जिला पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन नहीं आया है।
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राजनीति भी हुई तेज
बता दें कि बीपीएससी मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे। लेकिन सोमवार तड़के सुबह पुलिस ने उन्हें अनशन से उठा लिया और बाद में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ।
हालांकि सोमवार शाम ही प्रशांत किशोर को कोर्ट ने बिना शर्त जमानत दे दी। पटना की कोर्ट ने पहले उनकी जमानत को लेकर जो शर्तें लगाईं थी, उन्हें कोर्ट ने हटा भी लिया। सीजेएम कोर्ट (CJM Court) ने पीके के जेल पहुंचने से पहले ही उन्हें रिहा कर दिया है। उन्हें बेउर थाने में मुचलका दाखिल करने के बाद छोड़ दिया गया। बिना किसी शर्त जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि BPSC के एग्जाम को लेकर प्रदर्शन करने वाले युवाओं की जीत होगी।