बॉलीवुड अभिनेत्री और IPL फ्रेंचाइजी किंग्‍स इलेवन पंजाब की को-ऑनर प्रिटी जिंटा को छेड़खानी मामले में कोर्ट से बड़ा झटका दिया है। एक्‍ट्रेस ने पूर्व सहयोगी नेस वाडिया पर मोलेस्‍टेशन का आरोप लगाया था। छेड़खानी का यह हाई प्रोफाइल मामला बांबे हाई कोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट ने प्रिटी जिंटा की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे नेस वाडिया को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने प्रीति जिंटा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए बुधवार (10 अक्‍टूबर) को उद्योगपति नेस वाडिया के पक्ष में फैसला दिया। इससे पहले कोर्ट ने प्रीति और नेस वाडिया को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया था। बता दें कि एक्‍ट्रेस ने वर्ष 2014 में IPL के एक मैच के दौरान वाडिया पर सनसनीखेज आरोप लगाया था। हाई कोर्ट का यह फैसला ऐसे वक्‍त आया है, जब पूरे देश में #MeToo कैंपेन को लेकर लगातार यौन उत्‍पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं।

एक्‍ट्रेस ने दाखिल नहीं किया था जवाब: सुनवाई के दौरान नेस वाडिया ने अर्जी दाखिल की थी, जिसपर बांबे हाई कोर्ट ने प्रीति जिंटा को जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट के निर्देश के बावजूद एक्‍ट्रेस ने कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया था। प्रीति जिंटा की ओर से दाखिल याचिका के अनुसार, 30 मई, 2014 को मुंबई के वानखेड़े स्‍टेडियम में IPL का मैच चल रहा था। नेस वाडिया ने कथित तौर पर इस दौरान प्रीति जिंटा के साथ छेड़खानी की और धमकाया भी। एक्‍ट्रेस ने इसको लेकर मरीन ड्राइव पुलिस स्‍टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। हालांकि, इस मामले में मुंबई पुलिस ने चार साल बाद इस वर्ष फरवरी में आईपीसी की विभिन्‍न धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। प्रीति जिंटा ने पुलिस को दिए बयान में नेस वाडिया पर टिकट वितरण को लेकर किंग्‍स इलेवन पंजाब के कर्मचारियों के साथ दुर्व्‍यवहार करने का भी आरोप लगाया था। एक्‍ट्रेस ने पुलिस को चार फोटोग्राफ भी सौंपे थे। बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद काफी विवाद हुआ था। किंग्‍स इलेवन पंजाब की टीम के अस्तित्‍व पर भी सवाल उठने लगे थे।