वेबसाइट justpaste.it पर बनाने के आसान तरीके के बारे में एक दस्‍तावेज पोस्‍ट किया गया है। इसमें बताया गया है कि घरेलू सामग्री जैसे- माचिस आदि से किस प्रकार बम बनाया जा सकता है। सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि भारत में इस्‍लामिक स्‍टेट (ISIS) के लिए भर्ती का काम देखने वाले युवाओं के साथ ऐसी जानकारी साझा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, 12 पेज के इस दस्‍तावेज कई संदिग्‍धों के पास भेजा गया है। राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अभी तक गिरफ्तार किए गए ISIS सदिंग्‍धों से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि इस आतंकी संगठनों के लिए भर्ती करने वाले लोग विशेष कोड के साथ बम बनाने की विधि का यह ऑनलाइन डॉक्‍यूमेंट भेज रहे हैं और मैसेज भेजने के लिए बनाए गए Kik जैसे प्‍लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं।

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28 दिसंबर 2014 को बेंगलुरु में चर्च स्‍ट्रीट पर हुए ब्‍लास्‍ट के मामले में सिमी एक्टिविस्‍ट आलमजेब आफरीदी की इस साल जनवरी में गिरफ्तारी हुई थी। NIA ने इस आदमी से पूछताछ की, जिसमें ऑनलाइन बम बनाने की विधि के बारे में खुलासा हुआ। आलमजेब ने बताया कि उसने इसी डॉक्‍यूमेंट की मदद से बम तैयार किया था। जांचकर्ताओं के मुताबिक, आलमजेब को बम बनाने वाला दस्‍तावेज एक अज्ञात शख्‍स ने Kik के जरिए भेजा था। इस दस्‍तावेज में बम बनाने के जिन तरीकों के बारे में बताया गया है, उनमें पटाखे, छोटे बल्‍ब और माचिस जैसी आसानी से उपलब्‍ध होने वाली सामग्री को विस्‍फोटक बनाना शामिल है।

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सूत्रों के मुताबिक, आलमजेब ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने माचिस की तीलियों से काफी मात्रा में विस्‍फोटक एकत्रित किया और फिर उसे शुगर में मिक्‍स कर दिया। 28 दिसंबर 2014 को जो बम बेंगलुरु में फटा था, वह ऐसे ही बनाया गया था। उस धमाके में एक महिला की मौत हो गई थी। इस दस्‍तावेज में इंप्रोवाइज एक्‍सप्‍लोसिव डिवाइस (IED) बनाने की पूरी प्रक्रिया बताई गई है। इसमें विस्‍तार से बताया गया है कि किस प्रकार के पाइप का इस्‍तेमाल करना है और घरेलू सामग्री से विस्‍फोटक तैयार किया जा सकता है। इस प्रकार का दस्‍तावेज जनवरी में हैदराबाद से गिरफ्तार 22 साल के नफीज खान के पास भी मिला। उस पर इस्‍लामिक स्‍टेट के भारतीय समर्थक संगठन जनूद उल खलीफा में शामिल होने का आरोप है।

जांचकर्ताओं की मानें तो जिस वक्‍त नफीस खान को गिरफ्तार किया गया था, उस समय वह IED बनाने का कार्य शुरू कर चुका था। उत्‍तराखंड से जनवरी में इस्‍लामकि स्‍टेट से संबंधों के चलते गिरफ्तार किए गए अखलाक उर रहमान, मोहम्‍मद ओसामा, मोहम्‍मद अजीम शाह और महरोज भी ऑनलाइन डॉक्‍यूमेंट की मदद से बम बनाने का कार्य शुरू कर चुके थे।

पिछले कुछ महीने में गिरफ्तार किए 24 से ज्‍यादा युवाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने से पता चलता है कि ये सभी एक ही शख्‍स के संपर्क में थे। इस आदमी की कई ऑनलाइन आइडेंटिटि हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह आदमी कर्नाटक के भटकल गांव का रहने वाला शफी अरमार हो सकता है। इसके बारे में ताजा खबर यह आ रही है कि सीरिया में अमेरिकी ड्रोन हमले में कुछ दिन पहले इसकी मौत हो चुकी है। शफी भारत में ISIS के लिए भर्ती की जिम्‍मेदारी संभालता था। शफी की उम्र 29 वर्ष बताई जा रही है। उसका बड़ा भाई सुल्‍तान अरमार 2014 में सीरिया में मारा गया था। 39 वर्षीय सुल्‍तान के मारे जाने की जानकारी ISIS ने अपनी वेबसाइट पर डाली थी।

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