कृषि कानून पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच मतभेद लगातार जारी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर केंद्र उनकी बात नहीं सुनती, तो यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अब इस मुद्दे पर आज तक के शो सीधी बात में प्रभु चावला ने टिकैत से सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि अक्टूबर तक जो आपने आंदोलन रखा है, यूपी में अगले साल चुनाव हैं, ये क्या उस तरफ बढ़ रहे हैं आप? अगले साल चुनाव लड़ेंगे या नहीं?

इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। दूसरी बार आरएलडी से चुनाव लड़ा। लेकिन दोनों बार जमानत जब्त हो गई। उन्होंने आगे कहा, “मुझे वोट देने का अधिकार है, तो चुनाव लड़ने का भी अधिकार है। लेकिन हमारे लिए चुनाव का कोई मतलब नहीं। न हमें चुनाव लड़ना है। चुनाव लड़ना बहुत बड़ी बीमारी है। हमारा ये है कि हमें लोगों ने चुनाव के लिए नहीं, बल्कि आंदोलन के लिए खड़ा किया है। आंदोलन पर विश्वास है।”

राकेश टिकैत से जब उनके परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “परिवार का तो नहीं पता, हमें अपना पता है। ये सारे किसान ही हमारा परिवार हैं। जो चुनाव लड़ रहे हैं, ये भी सब अपने ही लोग हैं।” टिकैत से जब पूछा गया कि यूपी चुनाव में वे किसका समर्थन करेंगे, तो टिकैत ने कहा, “हम किसी का समर्थन नहीं करेंगे। हमारे इस आंदोलन से और राकेश टिकैत से कोई वोट की उम्मीद न करे। कोई इस गलतफहमी में न रहे कि हम किसी के वोट का कुछ करेंगे।”

टिकैत ने आगे कहा, “मेरी पत्नी ने किसी और को वोट दिया, मैंने किसी और को दिया। वोट हर आदमी को करना चाहिए। हमने अक्टूबर तक आंदोलन इस लिए रखा, क्योंकि सरकार इसे लंबा चलवाएगी। जब मान लेगी, तो आंदोलन की भूमिका तो तैयार करनी पड़ेगी।”

चुनावी मैदान में दो बार उतर चुके हैं राकेश टिकैत: बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने कभी राजनीति से परहेज नहीं रखा। साल 2007 में उन्होंने पहली बार उन्होंने मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि, इसमें उन्हें हार मिली थी। इसके बाद टिकैत ने 2014 में अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से चौधरी चरण सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के टिकट पर चुनाव लड़ा, पर वहां भी उनकी बुरी तरह से हार हुई थी।